योगेश पाराशर, मुरैना. मध्य प्रदेश के मुरैना से सटे करुआ, लोहगढ़, जरेरुआ क्षेत्र की फैक्ट्रियों से जानलेवा प्रदूषण हो रहा है. लोहगढ़-बानमोर में टायर जलाकर तेल निकालने वाली फैक्ट्रियाें का जहरीला धुंआ पूरे वातावरण को दूषित कर रहा है. करुआ गांव की फैक्ट्री से केमिकल मिला पानी गांवों के पास आसन नदी में पाइप डालकर छोड़ा जा रहा है. कई जगह बोरिंग के जरिए जमीन के अंदर छोड़ा जा रहा, जिससे कुएं, बोरों का पानी भी दूषित हो गया है. इस क्षेत्र में कैंसर के मरीज अप्रत्याशित रूप से बढ़ रहे हैं.
जडेरुआ, लोहगढ़, करुआ, धनेला गांव में कैंसर इतना भीषण रूप लेता जा रहा है कि बीते 4 महीने में ही 5 लोगों की मौत हो चुकी है. एक दर्जन से ज्यादा लोग कैंसर की चपेट में हैं. गांवों के बुजुर्ग बता रहे हैं कि यहां फैक्ट्रियां लगने से पहले इन गांवाें ने कैंसर की बीमारी का सिर्फ नाम सुना था, कोई मरीज नहीं था. लेकिन अब कोई बीमार होता है, तो रूह कांप जाती है. कहीं कैंसर की बीमारी ने तो नहीं घेर लिया.
लोहगढ़-पारे का पुरा में 10 से अधिक फैक्ट्रियां
कारण यह है कि लोहगढ़-पारे का पुरा में 10 से अधिक ऐसी फैक्ट्रियां हैं, जिनके दर्जनों बायलरों में दिन रात टायर जलाकर काला तेल निकाला जाता है. यूके के टायर जलाने से निकल रहा धुंआ पूरे वातावरण को जहरीला बना रहा है. पेड़, पौधों से लेकर फसलों पर काला पाउडर जम जाता है. यही सांस के जरिए लोगाें के शरीर में जाकर उन्हें बीमार बना रहा है. टायर जलने के बाद काले रंग के राख जैसे अवशेषों को खेतों के पास, सड़क किनारे फेंक रहे हैं, जिससे खेतों की मिट्टी दूषित हो चुकी है. लोहगढ़-पारे का पुरा गांवों में लोगों को चर्मरोग इतने चिंताजनक स्तर का हो रहा है कि दर्जनों लोगों का रंग काला पड़ गया है. एलर्जी, अस्थमा के बीमारों की तो गिनती करना भी बड़ा काम है.
फैक्ट्रियों का कैमिकल भू-जल स्तर को कर रहा दूषित
जरेरुआ, धनेला और करुआ गांव में कुछ साल्वेंट, आयल, राइस व अन्य उत्पादों की फैक्ट्री हैं, जिनमें जहरीला केमिकल उपयोग होता है. फैक्ट्री संचालक इस कैमिकल को परिसर में बोर उत्खनन करवाकर जमीन के अंदर छोड़ रहे हैं, इससे जरेरुआ, करुआ, धनेला गांवों का भूजल दूषित हो चुका है. कुओं के पानी से ऐसी दुर्गंध आती है कि उसे मवेशी तक नहीं पी रहे. हैंडपंप व बोरों का पानी दूषित हो चुका है. करुआ गांव के कई परिवार और यहां चलने वाला एक नामी स्कूल पीने के लिए मुरैना से फिल्टर पानी मंगवा रहे हैं. फैक्ट्रियाें के खतरनाक केमिकल के कारण दर्जनों मवेशी कर चुके हैं. यह केमिकल इतना खतरनाक है कि डेढ़ साल पहले एक हौद की सफाई करते हुए तीन सगे भाईयों सहित कुल 5 लोगों की मौत दम घुटने से हो गई थी. कुछ फैक्ट्रियों से केमिकल वाला पानी आसन नदी में छोड़ा जा रहा है. इस क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि भिंड के गोहद का निवासी कुलदीप पुत्र रामलखन शर्मा अकादमिक हाइट स्कूल में नौकरी करने आया और एक साल के भीतर बीमार हो गया, आगरा के डाक्टर ने कैंसर के लक्षण बताए हैं.
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जरेरुआ के महावीर का पुरा की रहने वाली 47 वर्षीय रामवती पत्नी रामजीलाल गुर्जर चार साल से कैंसर से जूझ रही है. जयपुर के कैंसर हास्पिटल में दो आपरेशन हुए, जिनमें एक स्तन पूरी तरह निकाल दिया. अब रामवती के सीने, गर्दन और कंधे पर कैंसर की तीन गांठ उभर आई हैं. डाक्टरों ने आपरेशन से हाथ खड़े कर दिए हैं. दवाईयों के साथ-साथ स्वजन अब हर देवी-देवता को पूज रहे हैं, जिससे रामवती को इस लाइलाज बीमारी से राहत मिल जाए.
जरेरुआ के 62 वर्षीय कल्याण उर्फ कल्ली पुत्र सिरदार सिंह गुर्जर को जीवन में भी कोई बीमारी नहीं हुई, लेकिन पांच महीने पहले गर्दन में एक फोड़ा उठा जो उभरता चला गया. एक महीने तक लगातार बढ़ते गए फोड़े की जांच ग्वालियर के कैंसर अस्पताल में करवाई तो डाक्टरों ने कैंसर बताया. अब चार महीने से कल्ली उपचार करवा रहे हैं, पर कैंसर का फोड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. फोड़ा ऐसी जगह है, जहां आपरेशन भी बड़ा जटिल है.
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गिरफ्त में 20 साल का आकाश
जरेरुआ गोशाला के पास रहने वाला 20 साल का आकाश पुत्र निरंजन गुर्जर मीठी सुपारी तक नहीं खाता, लेकिन गांव के चारों ओर फैले जानलेवा प्रदूषण और दूषित पानी के सेवन से ब्लड कैंसर की चपेट में आ गया. आकाश के बुजुर्ग दादा उम्मेद सिंह बताते हैं कि आकाश अभी भी मुंबई में इलाज करवा रहा है. एक साल में 20 लाख रुपये से ज्यादा इलाज में फूंक दिए, लाखों रुपये का कर्ज हो गया.
उम्मेदा सिंह की पत्नी की हो चुकी है मौत
करुआ गांव निवासी 37 वर्षीय हरिओम गुर्जर ने बताया, डेढ़ महीने पहले तबियत बिगड़ी. जांच करवाई तो डाक्टर ने आंत में कैंसर के लक्षण बताए हैं, इलाज चल रहा है. डाक्टर ने पानी और दूषित खाने के कारण कैंसर बताया. फैक्ट्रियों के केमिकल वाले पानी से हमारे गांव का पानी पूरी तरह प्रदूषित हो चुका है, मैं तो रोज मुरैना से फिल्टर पानी मंगवा रहा हूं. हरिओम गुर्जर बताते हैं कि कैंसर के कारण पांच महीने में आदिराम सिंह गुर्जर, अम्रत लाल गुर्जर, जरेरुआ सरपंच रामवीर की भाभी ऊषा सिंह और गांव के ही उम्मेदा सिंह की पत्नी की मौत हो चुकी है.
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एडीएम मुरैना का बयान
एडीएम मुरैना सी बी प्रसाद ने कहा कि कैंसर की जो बात हो रही है, ये मेडिकल या प्रोफेशनल स्पेशलिस्ट ही बता सकता है. सतही तौर पर ये बातें नहीं कही जा सकती हैं. इतना जरुर है कि धुंआ से प्रदूषण होता है. फैक्ट्री के संबंध में कलेक्टर महोदय द्वारा एसडीएम और क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी के नियंत्रण में दो सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया है. अगले तीन-चार दिन में रिपोर्ट आएगी. जो भी नियमानुसार कार्रवाई होगी वह की जाएगी.
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