शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में छात्र -छात्राओं में किस बात को लेकर निराशा है इस पर चिंतन और मनन की जरूरत है। आखिर क्यों देश का भविष्य युवा बड़ी संख्या में आत्महत्या जैसे घातक कदम उठाने को मजबूर है। देश के युवाओं में आत्महत्या करने की बढ़ती प्रवृत्ति पर एक निजी संस्था की ताजा रिपोर्ट चौंकाने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के मामले में मध्यप्रदेश पूरे देश तीसरे नंबर पर है।

पहले स्थान पर महाराष्ट्र, दूसरे पर तमिलनाडु

साल दर साल बढ़ रहे आत्महत्या के मामले में एक गैर लाभकारी संस्था आईसी-थ्री (ic3) रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए है। साल 2022 में मध्यप्रदेश में 1340 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है। 2021 में मध्यप्रदेश में 1308 छात्रों छात्रों ने आत्महत्या की थी। देश में छात्र-छात्राओं की आत्महत्या के मामले पर पहले स्थान पर महाराष्ट्र, दूसरे पर तमिलनाडु और तीसरे पर मध्यप्रदेश, चौथे पर उत्तर प्रदेश और पांचवें पायदान पर झारखंड राज्य है।

शिक्षा माफियाओं के कारण एमपी के माथे पर कलंक

मामले में कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता, विवेक त्रिपाठी ने कहा कि-प्रदेश के लिए यह बेहद चिंताजनक रिपोर्ट है। बेरोजगारी, भर्ती घोटाले, शिक्षा माफियाओं के कारण एमपी के माथे पर कलंक लगा है। छात्रों के जीवन को बर्बाद करने पर बीजेपी सरकार तुली है। छात्रों के हित में सरकार की न नीति न नियत है। कल युवा कांग्रेस इस मुद्दे के साथ अन्य समस्याओं और मांगों के साथ प्रदेश स्तरीय आंदोलन करेगी। इसी कड़ी में सीएम हाउस का घेराव किया जाएगा। प्रदेश भर से बड़ी संख्या में कांग्रेसी भोपाल पहुचेंगे। छात्रों के लिए सरकार ही बड़ा संकट बनी है। प्रदेश का भविष्य दम तोड़ रहा है।

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