कमल वर्मा, ग्वालियर। महातपस्वी युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के विद्वान सुशिष्य मुनिश्री सुधाकर कुमार जी और मुनिश्री नरेश कुमार जी ग्वालियर के दो दिवसीय प्रवास के बाद रविवार सुबह पंजाब विहार के लिए रवाना हुए। इससे पहले उन्होंने समाज को संदेश देते हुए कहा कि आज देश में दो समस्याएं सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। पारिवारिक विघटन हो रही है और संस्कृति का भी पतन हो रहा है। नशा और गुस्सा भी बड़ी समस्या बन गया है, मैं तो चाहूंगा की हर व्यक्ति अपने जीवन में नशा और गुस्सा इन दो बुराइयों से बचे क्योंकि भारतीय संस्कृति का मुख्य आदर्श था “आहार शुद्धि और नशा मुक्ति”, तो जितना हम आहार शुद्धि और नशा मुक्ति का विकास करेंगे उतना अच्छा होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय ऋषि मुनियों ने कहा है जैसा खावे अन्न वैसा होवै मन, अन्न का हमारे मन तन और आत्मा पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। नशा एक ऐसी बुराई हो जो आतंकवाद नक्सलवाद और भ्रष्टाचार से भी खतरनाक है क्योंकि नशे से व्यक्ति की विवेक चेतन लुप्त हो जाती है। इसलिए हम आहार शुद्धि और नशा मुक्ति का संस्कार जगाए और क्रोध गुस्सा और जिद इन बुराइयों से सदैव दूर रहे। मुनिश्री अपने इन अमृत प्रवचन के बाद आगे के स्थानों के प्रवास के लिए रवाना हुए। बता दें कि मुनिश्री छत्तीसगढ़ के रायपुर से पंजाब तक विहार पर निकले है।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें