इंद्रपाल सिंह, नर्मदापुरम. मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार का गढ़ बनते जा रहा है. अधिकारी-कर्मचारी बस अपनी जेब गर्म करने में लगे हुए हैं. ताजा मामला नर्मदापुरम से सामने आया है. जहां लोकायुक्त ने BRC (Block Resource Coordinator) को 5000 रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है. यह मामला आदिवासी विकासखंड केसला का है.
बता दें कि प्राथमिक शाला सोमूखेड़ा के प्रधान पाठक देवेंद्र पटेल ने भोपाल लोकायुक्त में शिकायत की थी. दरअसल, विकासखंड स्त्रोत समन्वयक केके शर्मा केसला ब्लॉक के हर स्कूलों से मध्यान्ह भोजन, बिल्डिंग रेनोवेशन सहित कूलर और पंखे के लिए अवैध राशि की मांग करते थे. जिसके आधार पर प्रधान पाठक ने पांच स्कूलों से राशि एकत्रित कर बीआरसी शर्मा को दी.
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और पैसों की कर रहा था डिमांड
पैसे मिलने के बाद भी विकासखंड स्त्रोत समन्वयक और स्कूलों से राशि एकत्रित करने की बात कही. जिससे तंग आकर प्रधान पाठक देवेंद्र पटेल ने भोपाल लोकायुक्त से मामले की शिकायत की. जिसके आधार पर गुरुवार को लोकायुक्त इंस्पेक्टर रजनी तिवारी की टीम ने कार्रवाई करते हुए केके शर्मा को पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते धर दबोचा. आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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