शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्यप्रदेश में मूंग खरीदी की कवायद शुरू होने के साथ ही लल्लूराम डॉट कॉम की पड़ताल में एक बड़ी गड़बड़ी भी उजागर हुई है। मामला हरी मूंग में काला खेल का है। दरअसल, उस कंपनी को काम सौंपा गया जिसके खिलाफ न सिर्फ किसान बल्कि सरकार के साथ भी धोखाधड़ी की कई शिकायत दर्ज हैं। नाफेड ने मूंग और उड़द खरीदी संबंधित कामों की जिम्मेदारी दागदार कंपनी नेशनल कमोडिटीज मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (एनसीएमएस) को सौंपी है। बीती 07 जुलाई के जारी आदेश में यह भी उल्लेख किया गया कि यदि मामले में गड़बड़ी मिली तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। कंपनी के खिलाफ तमाम गड़बड़ियों के मामले के बाद भी दी गई जिम्मेदारी को लेकर मिलीभगत के कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

लल्लूराम डॉट कॉम ने अपनी पड़ताल में पाया कि कंपनी के खिलाफ मूंग खरीदी को लेकर नरसिंहपुर, जबलपुर, होशंगाबाद, हरदा और सागर में शिकायतें दर्ज हैं। दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि कंपनी ने मूंग और चना खरीदी को लेकर किसानों से अवैध वसूली की थी। इसके अलावा दर्जनों मामलों में प्रशासनिक जांच भी जारी हैं। कंपनी को टेंडर जारी करने से पहले भी शिकायत दर्ज कराई गई। लेकिन, इन शिकायतों को दरकिनार कर कंपनी को आदेश जारी किया गया।

05 करोड़ 57 लाख रुपये की खरीदी थी अमानक मूंग

कंपनी के खिलाफ एक बड़ा मामला वर्ष 2023 में सामने आया था। तब नर्मदापुरम जिले के सोहागपुर में ग्रीष्मकालीन सरकारी मूंग खरीदी में कंपनी ने बड़े स्तर पर गड़बड़ियों को अंजाम दिया। करणपुर स्थित वेयहहाउस पर केंद्र प्रभारी और सर्वेयर (कंपनी) ने मिलकर 5 करोड़ 57 लाख रुपये की 7 हजार 346 क्विंटल अमानक मूंग खरीदी थी। तब मामले में कंपनी और दोषी अधिकारी के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया था। ऐसी ही शिकायत पिपरिया और बनखेड़ी में दर्ज की गई।

एमपी वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक कार्पोरेशन ने लिखा था पत्र

मूंग उपार्जन में प्रदेश के बड़े केंद्र नरसिंहपुर में भी कंपनी के खिलाफ एक पत्र लिखा गया था। यह पत्र एमपी वेयरहाउसिंग लॉजिस्टिक कार्पोरेशन ने जिला विपणन अधिकारी को लिखा था। इसमें बताया था कि कंपनी द्वारा बड़े स्तर पर अमानक मूंग खरीदी जा रही है। कार्पोरेशन ने शिकायत मिलने के बाद निरीक्षण किया था। इसमें यह भी बताया गया था कि उपार्जन केंद्रों पर मंडी रेट अधिक होने के कारण अमानक मात्रा में मूंग खरीदी जा रही है।

हरदा में लग चुका कंपनी पर जुर्माना

हरदा जिले में समर्थन मूल्य पर मूंग उपार्जन के लिए कुल 49 केंद्रों की स्थापना की गई थी। हर उपार्जन केंद्र में नाफेड द्वारा एनसीएमएल कंपनी के सर्वेयर को एफएक्यू के लिए नियुक्त किया गया था। वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के अधिकारियों ने सर्वे में अमानक मूंग खरीदी को पाया। पंचनामा बनाया और छह उपार्जन केंद्र पर कंपनी पर 25-25 हजार का जुर्माना भी ठोका था। किसानों से ली गई अतिरिक्त राशि भी जांच के बाद वापस कराई गई।

इस बार मूंग उपार्जन के लिए 3.51 लाख मीट्रिक टन का लक्ष्य

ग्रीष्मकालीन मूंग और उड़द के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के लिए पंजीयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है। मूंग के लिए 30 जून तक 02 लाख 94 हजार और उड़द के लिए 11 हजार 495 किसानों का पंजीयन कराया है। 07 जुलाई से मूंग के साथ उड़द का उपार्जन किया जाएगा। उपार्जन 6 अगस्त तक चलेगा। बता दें कि इस बार मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 8682 रूपये प्रति क्विंटल और उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7400 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग उपार्जन के लिए 3.51 लाख मैट्रिक टन और उड़द उपार्जन के लिए 1.23 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित है।

प्रदेश में यहां-यहां होगा मूंग का उपार्जन

नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, जबलपुर, देवास, सागर, गुना, खंडवा, खरगोन, कटनी, दमोह, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, श्योपुर, भिंड, भोपाल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुर, उमरिया, धार, राजगढ़, मंडला, शिवपुरी, अशोकनगर, इंदौर, बालाघाट, सतना।

किसान संघ करेगा सरकार से चर्चा, कहा- नींद में सरकार

आरएसएस के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रचार प्रसार प्रमुख राहुल धूत ने लल्लूराम डॉट कॉम से कहा कि मामला गंभीर है। किसानों से खरीदी का काम जिम्मेदारी का होता है। सरकार नींद से जागे। ऐसी कंपनी जो पूर्व में भी दागदार रही हैं उन्हें ऐसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी न सौंपी जाए। इस मामले को लेकर किसान संघ सरकार से चर्चा भी करेगा।

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