शिखिल ब्यौहार, भोपाल। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने हाल ही में चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास से संबंधित कई नई गाइडलाइन जारी की हैं। इसी कड़ी में शैक्षणिक सत्र 2026 से हर मेडिकल छात्र फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम का हिस्सा बनेगा। इसके तहत प्रत्येक छात्र को कम से कम एक परिवार को गोद लेना होगा, जिसकी संपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल की जिम्मेदारी उस छात्र की ही होगी। हर मेडिकल कॉलेज दो गांवों को गोद लेगा। एमबीबीएस छात्र 78 घंटे तक सीधे ग्रामीणों के बीच रहकर इलाज करेंगे। पढ़ाई के दौरान एमबीबीएस छात्र जागरूकता और सेवा का काम भी करेंगे।

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एनएमसी ने मेडिकल कॉलेजों के मूल्यांकन के लिए सत्र 2025-2026 के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने कहा है कि कुछ मेडिकल संस्थान काफी समय से मनमानी कर रहे हैं। निरीक्षण के समय नकली रोगियों को भर्ती करते हैं। बावजूद इसके इन्हें वार्ड में भर्ती किया जाता है और दस्तावेज पर मरीजों की संख्या में जोड़ा जाता है। एनएमसी ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों की स्थापना, मूल्यांकन और रेटिंग विनिमय 2023 अधिनियम के तहत इस फर्जीवाड़े के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। एनएमसी के सचिव डॉ. बी श्रीनिवास ने मेडिकल कॉलेजों के लिए जारी आदेश में कहा कि आगामी चार जनवरी 2025 तक नए संस्थानों की मान्यता देने की प्रक्रिया जारी रहेगी।

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