हेमंत शर्मा, इंदौर। बायपास पर 27 जून को लगे 32 घंटे लंबे जानलेवा जाम के मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) एक सप्ताह बाद भी हाईकोर्ट में बिना जवाब के ही पहुंचा। शुक्रवार को हुई सुनवाई में एनएचएआई की ओर से दिल्ली से आए नए वकील एपी सिंह पेश हुए। उन्होंने अदालत से पावर ऑफ अटॉर्नी और जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का और समय मांगा।
बाकी याचिकाओं का औचित्य नहीं
कोर्ट ने फिलहाल यह समय दे दिया है, लेकिन दो अन्य समान विषय वाली याचिकाओं को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि जब पहले से ही एक याचिका पर सुनवाई चल रही है, तो बाकी याचिकाओं का औचित्य नहीं बनता। सुनवाई के दौरान जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ के सामने बायपास की बदहाल स्थिति, लगातार लगने वाले ट्रैफिक जाम, टोल वसूली के बावजूद सड़क की मरम्मत नहीं होने और रखरखाव में लापरवाही जैसे मुद्दे उठाए गए। यह जनहित याचिका एडवोकेट तनिष्क पटेल द्वारा दायर की गई है।
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जाम के चलते तीन लोगों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि 27 जून को बायपास पर 8 किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया था, जिसमें 32 घंटे तक वाहन फंसे रहे और इस दौरान तीन लोगों की मौत भी हो गई थी। इससे पहले 30 जून की सुनवाई में एनएचएआई की महिला वकील की यह टिप्पणी “लोग इतनी जल्दी निकलते ही क्यों हैं”- सामने आने के बाद पूरे देश में तीखी प्रतिक्रिया हुई थी। अब उस वकील को हटा दिया गया है और नए वकील के आने के बाद भी एनएचएआई अभी तक ठोस जवाब पेश नहीं कर पाया है। हाईकोर्ट ने अब 1 हफ्ते में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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