ग्वालियर। शासन-प्रशासन द्वारा तमाम उपाय के बाद भी कोरोना मरीजों के लिये जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी थम नहीं रही है. पूरे प्रदेश के किसी न किसी जिले से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी की खबरें आती रहती है. कोरोना आपदाकाल में इस इंजेक्शन की कालाबाजारी में अस्पताल स्टॉफ की मिलीभगत भी सामने आ रही है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां अस्पताल के स्टॉफ द्वारा इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही थी.

मैक्स केयर हॉस्पिटल से तीन लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़ा

शहर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने मैक्स केयर हॉस्पिटल से तीन लोगों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए पकड़ा है. सबसे खास बात यह है कि ये लोग हॉस्पिटल से ही जुड़े हुए है. दरअसल क्राइम ब्रांच की टीम पुलिस को सूचना मिली थी कि मैक्स केयर हॉस्पिटल के लोग कोविड मरीजों के नाम से रेमडेसिविर इंजेक्शन लाते है. लेकिन उन्हें मोटी रकम में बेच देते है. सूचना के बाद पुलिस ने अपने मुखबीर तंत्र के जरिए मैक्स केयर हॉस्पिटल की पड़ताल की. खुद क्राइम ब्रांच का जवान रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए अस्पताल पहुंचा. जिसके बाद अस्पताल से जुड़े हुए तीन लोग गिरफ्तार किए गए है.

मेडिकल स्टोर संचालक कोविड मरीजों का इलाज करता मिला
क्राइम ब्रांच पुलिस को कार्रवाई के दौरान जो युवक अस्पताल में स्थित मेडिकल स्टोर पर दवाइयां बेचता है, वही कोविड मरीजों का इलाज करता मिला. जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो मरीजों के परिजन बोले यह डॉक्टर हैं, तब सच सामने आया. अब क्राइम ब्रांच यह पता लगा रही है कि इस हॉस्पिटल को कितने इंजेक्शन जारी हुए और कितने इंजेक्शन इन लोगों ने बेचे.

ड्रग इंस्पेक्टर ने पुलिस को बताया, 14 इंजेक्शन इन्हें इश्यू हुए
ड्रग इंस्पेक्टर ने पुलिस को बताया है कि 14 इंजेक्शन इन्हें इश्यू हुए हैं. इस मामले में कुछ सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत की भी आशंका है. वहीं पुलिस ने मैक्स केयर हॉस्पिटल के संचालक रवि रजक जो सिर्फ इंटर पास के साथ मेडिकल स्टोर संचालक मोहसिन खान और उसका साथी सोनू यादव को गिरफ्तार कर लिया है.