
राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। बेटियों के साथ दुराचार करने वालों को फांसी की सजा के प्रावधान के बाद अब बेटियों का धर्मांतरण (लव जिहाद) कराने वाले दोषियों के लिए भी मध्यप्रदेश में फांसी की सजा का प्रावधान किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने यह ऐलान किया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा- धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में फांसी का प्रावधान किया जा रहा है। हमारी सरकार ये प्रावधान करने जा रही है, धर्मांतरण प्रदेश में नहीं चलने दिया जाएगा। मासूम बच्चियों से ज्यादती को लेकर सरकार गंभीर है। सरकार दुराचारियों को छोड़ने वाली नहीं है। धर्मांतरण दुराचार का कोई स्थान नहीं है।
फांसी की सजा का भी प्रावधान किया जाएगा
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि- मुख्यमंत्री की मंशा बिल्कुल ठीक है। जबरन धर्म परिवर्तन कराने वालों के खिलाफ सख्त कानून होना चाहिए। धर्मांतरण विधेयक में फांसी की सजा का भी प्रावधान किया जाएगा। 2029 के चुनाव में 33 प्रतिशत आरक्षण का कानून महिला नेतृत्व को मजबूत करेगा। पीएम मोदी ने मन की बात में जिन महिलाओं का जिक्र किया, उन महिलाओं का बीजेपी कार्यालय में सम्मानित किया गया। पीएम ने महिलाओं को ड्रोन दीदी जैसे कार्यक्रम से जोड़ा है। महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी तभी देश और परिवार आत्मनिर्भर बनेगा। बीजेपी सरकार महिलाओं को सशक्त और सक्षम बनाने का कार्य कर रही है।
संस्कृति बचाओ मंच ने फैसले का किया स्वागत
धर्मांतरण और दुष्कर्म के मामले में फांसी की सजा वाले मुख्यमंत्री मोहन यादव के बयान पर हिंदूवादी संगठन संस्कृति बचाओ मंच ने फैसले का स्वागत किया है। मंच ने कहा हम जल्द से जल्द चाहते हैं मुख्यमंत्री ने जो ऐलान किया है उस पर अमल हो।
कार्रवाई एक जैसी होना चाहिए
मुख्यमंत्री के धर्मांतरण पर सजा-ए-मौत वाले बयान पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि- संविधान को बदलते हैं तो ये स्वीकार करें कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने जो लिखा उसमें कमियां थी। जबरदस्ती धर्मांतरण एक तरफ नहीं होना चाहिए। भोपाल के इटखेड़ी में 4 दिन से एक लड़की लापता है कोई कार्रवाई नहीं हुई। लड़की दूसरे समुदाय से है तभी लापरवाही बरती जा रही है। कहा- लड़की हिंदू हो या मुस्लिम वो एक बाप की बेटी होती है कार्रवाई एक जैसी होना चाहिए।लड़की हिंदू या मुसलमान अगर उसके साथ गलत होता है तो बराबर सजा होना चाहिए। अगर भेदभाव से कोई भी कानून बनेगा वो देश के लिए सही नहीं है।
साल 2021 से 2024 तक के आंकड़े
मध्यप्रदेश में धर्मांतरण के 216 केस दर्ज किए गए। धर्मांतरण के दर्ज केस में 30 फीसदी इंदौर के मामले। धर्मांतरण के मामले में 329 लोगों को आरोपी बनाया गया। इनमें 225 मुस्लिम, 51 हिन्दू, 47 क्रिश्चयन, 8 आदिवासी शामिल है। एमपी में फिलहाल धर्मांतरण में 10 साल की सजा का प्रावधान है। धर्मांतरण के ज्यादातर मामले कोर्ट में जाकर नहीं टिक पाते। इंदौर में एक मामले में युवक और युवती को 10 साल की सजा हुई है। दोनों पर बच्चों को कन्वर्ट कराने का आरोप था। कोर्ट में ट्रायल के दौरान सामने आया परिवारिक विवाद में धर्मांतरण का केस दर्ज कर दिया गया। नरसिंहपुर प्रॉपर्टी विवाद में धर्मांतरण केस दर्ज करवाया। तीन साल चला केस और आरोप साबित नहीं हुआ। 10 साल की सजा का कानून 2021 में बना था।
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