शिखिल ब्यौहार, भोपाल। कुंभ समेत हिंदू धार्मिक आयोजनों में गैर सनातनी की दुकानों को लेकर जमकर सियासत हुई। दुकानों पर नेम प्लेट से लेकर थूक जिहाद और धमकियों के बयानों का तड़कों ने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश की राजनीति को सातवें आसमान पर पहुंचाया। लेकिन, अब मुस्लिमों के सबसे बड़े मजहबी आयोजन “आलमी तब्लीगी इज्तिमा” में हिंदुओं की एंट्री पर मुहर लगाई गई है। मुहर यह कि मुस्लिमों के विश्व स्तरीय इस आयोजन में हिंदू भी दुकान लगा सकेंगे। ‘लिहाजा मेरे अंगने में अब तुम्हारा भी काम है’ होने पर सियासत भी थर्रा रही है। हिंदू संगठनों का विरोध तो बीजेपी और कांग्रेस में जुबानी जंग भी चरम पर है।

हिंदू संगठनों समेत संत समाज ने मामले पर कहा कि हम इनके टुकड़ों पर पलने वाले लोग नहीं है। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के उस बयान को लेकर यह षडयंत्र है जिसमें उन्होंने हिंदू धार्मिक आयोजनों में मुस्लिमों की दुकानों का विरोध किया था। सनातन को लेकर इनकी मंशा भी जगजाहिर है। संगठनों का यह भी कहना है कि हिंदू कभी थूक जिहाद और लव जिहाद नहीं करता। इस षडयंत्र से सभी हिंदू सावधान रहें।

इतना भाईचारा तो बांग्लादेश हिंदू अत्याचार में क्यों चुप

मामले पर अखिल भारतीय संत समिति के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष स्वामी अनिलानंद ने कहा कि मुस्लिम समुदाय आज भाईचारा दिखा रहा है। लेकिन, बांग्लादेश में हिंदू अत्याचार पर भारत के मुस्लिम संगठन क्यों चुप रहे। उन्होंने कहा कि यह इसलिए ऐसा कर रहे ताकि कुंभ में दुकान लगा सकें। आप हिंदुओं को इस्तिमा में दुकान मत लगाने दो, हम कुंभ में नहीं लगाने देंगे। उन्होंने इसे षडयंत्र बताया। वहीं संस्कृति बचाओ मंच से संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने कहा कि हिंदू इतना कमजोर न बने की सनातन के विरोधियों की रोटियां खानी पड़ें।

क्या है तब्लीगी इज्तिमा

बीते सात दशकों से भोपाल में तब्लीगी इज्तिमा का आयोजन किया जा रहा है। 29 नवंबर से 04 दिसंबर तक चलने वाले इस आयोजन में देश-विदेश से करीब 30 हजार जमातें शामिल होने का अनुमान है। यह भी अनुमान है कि इस बार करीब 10 लाख लोग इज्तिमा में आमद दर्ज कराएंगे। इस आयोजन में मुस्लिम धर्म गुरुओं का मंथन होता है। साथ ही इबादतों के कई दौर भी चलते हैं।

हिंदू को एंट्री से दिक्कत क्यों, सिर्फ बांटने की राजनीति – उलमा बोर्ड

ऑल इंडिया उलमा बोर्ड के अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली नदवी ने कहा कि यह आयोजन मोहब्बत का पैगाम का है। इज्तिमा में देश विदेश से लोग आते हैं। हम उनसे यह नहीं कहते कि आप मुसलमानों से ही सामान खरीदें। दुकानदार नेम प्लेट लगाएं या हिंदुओं से न किसी भी प्रकार की खरीदी न करें। काजी ने कहा कि कौम के फैसले पर सियासत सिर्फ उनके सियासी फायदे के लिए की जा रही है। उनकी नजरों में सिर्फ मजहब का चश्मा है। सिर्फ और सिर्फ बांटने की राजनीति करते हैं। हम वह लोग हैं जिसने इस मुल्क के लिए हैं। अंग्रेजों से जिहाद किया। जब तक इस मुल्क में रहेंगे तब तक हिंदुस्तान को टूटने नहीं देंगें।

बीजेपी के साथ कुछ लोग बने धर्म के ठेकेदार- कांग्रेस

मामले पर कांग्रेस से पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा कि बीजेपी समेत इनसे जुड़े संगठन धर्म के ठेकेदार बनते हैं। धर्म के नाम पर राजनीति करने वाले सनातन को नहीं जानते। सनातन में जोड़ने की, सम्मान की परंपरा रही है, तोड़ने की नहीं। देश संविधान से चलता है। सर्वधर्म सदभाव का देश है। सबको धार्मिक आजादी है। व्यापार व्यवसाय की आजादी है। ऐसे मामले पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।

षड्यंत्र नहीं होना चाहिए और कांग्रेस का ज्ञान अल्प, – बीजेपी

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि हिंदुओं को दुकानों लगाने की अनुमति देना न देना उनका विषय है। लेकिन, कांग्रेस का ज्ञान अल्प है। कांग्रेस सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति करती है। उन्होंने यह भी कहा कि षड्यंत्र के भाव से काम नहीं होना चाहिए।

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