अखिलेश बिल्लौरे, हरदा। पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ितों की ‘न्याय यात्रा’ स्थगित हो गई है. प्रशासन ने पीड़ित परिवारों को समझाइश दी. जिसके बाद वो सीहोर के गोपापुर से हरदा के लिए वापस लौट गए हैं.

बता दें कि हरदा में 6 फरवरी को पटाखा फैक्ट्री में भनायक ब्लास्ट हुआ था. इसके बाद प्रशासन के कहने पर पीड़ित परिवार करीब 9 महीने से शासकीय आईटीआई में रह रहे थे. प्रशासन ने उन्हें उस समय राहत राशि दिलवाई थी और रहने पढ़ाई-भोजन इत्यादि की लगातार व्यवस्था बनाई थी.

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लेकिन, अब पीड़ितों ने हरदा से भोपाल मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात करने के लिए “न्याय यात्रा” शुरू की थी. आज यात्रा हरदा से निकलकर सीहोर के गोपालपुर पहुंची. जिसकी जानकारी मिलते ही हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह और एसपी अभिनव चौकसे गोपालपुर पहुंचे. जहां उन्होंने पीड़ितों को समझाइश दी. जिसके बाद यात्रा हरदा के लिए रवाना हुई.

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वहीं इस मामले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मोहन सरकार को घेरा है. उन्होंने एक्स पर लिखा- भाजपा सरकार प्रशासन के माध्यम से मजबूर जनता का शोषण और दमन करने पर उतारू है! हरदा पटाखा फैक्ट्री ब्लास्ट के पीड़ित पिछले 9 महीनों से मुआवजे की आस में दर-दर भटक रहे हैं.

मुख्यमंत्री “मौन यादव” से पीड़ितों के कुछ सवाल हैं:

  1. हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह और एसपी अभिनव चौकसे किसके इशारे पर नसरुल्लागंज जाकर पीड़ितों को रोक रहे हैं? क्या ये उनकी अपनी मनमानी है, या मौन यादव की चुप्पी का समर्थन?
  2. हरदा ब्लास्ट पीड़ितों को कब न्याय मिलेगा? घर खंडहर होने वालों को 25 लाख का मुआवजा, मृतकों के परिवारों को मदद और घायलों का हक कब पूरा होगा?
  3. प्रधानमंत्री और मोहन यादव द्वारा मुआवजे की घोषणा के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं हुई? क्या भाजपा सरकार की घोषणाएं सिर्फ खोखले वादे हैं?
  4. प्रशासन और सरकार हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रही है—क्या यह साफ नहीं दिखाता कि जनता के प्रति उनका रवैया सिर्फ दमनकारी है?
  5. मुख्यमंत्री मौन यादव और प्रशासन क्यों बार-बार पीड़ितों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रहे हैं? आखिर जनता की फरियाद पर ये कब तक चुप रहेंगे?

मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार जनता की दुश्मन और जन-विरोधी बन चुकी है और “मौन यादव” मुंह पर उंगली रखके बैठे हैं, अब यह असहनीय है.

गौरतलब है कि हरदा के मगरदा रोड स्थित बैरागढ़ में पटाखा फैक्टरी में 6 फरवरी को भयानक विस्फोट हुआ था. इस दर्दनाक घटना में 13 लोगों की मौत हुई थी. जबकि 125 से अधिक लोग घायल हुए थे. विस्फोट के बाद सड़कों पर लाशें बिछ गई थी तो वहीं कई लोगों के घर उजड़ गए थे.

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