हेमंत शर्मा, इंदौर। समर्थ पार्क कॉलोनी स्थित फार्महाउस में हाल ही में दो मासूम बच्चों की डूबने से मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे पर जब मीडिया ने पुलिस से जवाब मांगा, तो जवाब देने पहुंचे एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा खुद सवालों में घिर गए। मीडिया के कैमरों के सामने आलोक शर्मा ने हड़बड़ी में ऐसा बयान दे दिया, जो अब पूरे पुलिस सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा है।

कुछ दिन पहले पत्रकार से बदसलूकी

उन्होंने कहा “बच्चों को डूबाना नहीं आता था…”। जबकि कहना था “बच्चों को तैरना नहीं आता था।” यह वही अधिकारी हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले पत्रकार से बदसलूकी की थी। अब सवाल यह उठ रहा है कि इंदौर पुलिस में ऐसे अफसर फील्ड में क्यों लगाए जा रहे हैं, जिन्हें ना मीडिया से बात करना आता है और ना ही अपने स्टाफ के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना।

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मैं जो बताऊं सुन लेना इसके आगे कोई सवाल नहीं पूछेंगे

सूत्रों की मानें तो खुद आलोक शर्मा का अंदरूनी स्टाफ भी उनसे नाराज है, लेकिन खुलकर कुछ बोल नहीं पाता। स्थानीय पुलिसकर्मियों का कहना है कि ऐसे अधिकारियों को पहले प्रशिक्षित किया जाना चाहिए कि- कैसे मीडिया से बात की जाए, संवेदनशील मामलों पर कैसे प्रतिक्रिया दी जाए, और कैसे जनता और स्टाफ के साथ व्यवहार किया जाए। अगर फील्ड में अफसर मानसिक रूप से तैयार नहीं हैं, तो वे न तो जनता की मदद कर सकते हैं और न ही फरियादियों को न्याय दिला सकते हैं। यह वही अधिकारी है जो सवाल पूछने पर कहते हैं मैं जो बताऊं इतना सुन लेना इसके आगे आप कोई सवाल नहीं पूछेंगे।

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