हेमंत शर्मा, इंदौर। ‘बल्लाकांड’ मामले में पूर्व विधायक और भाजपा नेता आकाश विजयवर्गीय के बरी किए जाने पर सियासी हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जिसमें उन्होंने न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और राजनीतिक दबाव का आरोप लगाया है। वर्मा का कहना है कि जिस तरह से यह फैसला आया है, वह राजनीतिक हस्तक्षेप की ओर इशारा करता है और इसमें न्यायालय को प्रभावित करने की कोशिश की गई है। 

वर्मा ने साधा भाजपा पर निशाना
सज्जन सिंह वर्मा ने भाजपा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि आकाश विजयवर्गीय भाजपा के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं।  इसी वजह से राजनीतिक दबाव बनाकर मामले को कमजोर किया गया। उन्होंने दावा किया कि पीड़ित अधिकारी को दबाव में आकर अपने बयान बदलने पड़े। जिससे इस केस का परिणाम आकाश विजयवर्गीय के पक्ष में आया। वर्मा ने यह भी कहा, “यह भाजपा की पुरानी रणनीति है, जहां सत्ता का दुरुपयोग कर अपने नेताओं को बचाया जाता है।”

पुलिस और प्रशासन पर भी उठाए सवाल
सज्जन सिंह वर्मा ने न केवल न्यायपालिका पर बल्कि पुलिस और प्रशासन पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जांच के दौरान इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया। यह पूरा प्रकरण एक साजिश का हिस्सा है, जिसमें अधिकारी और पुलिस दोनों शामिल हैं। वर्मा ने मांग की कि झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले अधिकारी पर भी मुकदमा चलाया जाना चाहिए, क्योंकि उनकी गवाही ने पूरे मामले को मोड़ दिया।इस फैसले का राजनीतिक प्रभाव आगामी विधानसभा चुनावों पर भी पड़ सकता है। कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने की पूरी कोशिश करेगी, जबकि भाजपा इसे अपने नेता की “जीत” के रूप में पेश कर सकती है। सज्जन सिंह वर्मा जैसे वरिष्ठ कांग्रेस नेता के बयानों ने इस प्रकरण को और अधिक राजनीतिक बना दिया है। वर्मा ने कहा कि कांग्रेस इस मामले को जनता के बीच ले जाएगी और यह बताएगी कि कैसे भाजपा अपने नेताओं को कानून से ऊपर रखती है।

न्यायपालिका की निष्पक्षता पर उठे सवाल
वर्मा ने आगे कहा कि इस फैसले ने न्यायपालिका की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने पूछा कि जब सबूत इतने स्पष्ट थे, तो किस आधार पर आकाश विजयवर्गीय को बरी किया गया? वर्मा ने कहा, “यह न्याय का मजाक है। अगर इस तरह से मामलों का निपटारा होता रहा, तो आम आदमी को कभी न्याय नहीं मिलेगा।”सज्जन सिंह वर्मा के बयान से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस इस मुद्दे को भविष्य में बड़ा राजनीतिक हथियार बनाने की तैयारी कर रही है। वर्मा के तीखे बयान और भाजपा पर लगाए गए आरोपों ने यह साफ कर दिया है कि यह मामला सिर्फ अदालत तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह राजनीतिक अखाड़े में भी जोर-शोर से गूंजेगा।

इस प्रकरण से जहां भाजपा अपने नेता आकाश विजयवर्गीय की छवि को सुधारने की कोशिश करेगी, वहीं कांग्रेस इसे आने वाले चुनावी मुद्दे के रूप में जनता के सामने लाने का प्रयास करेगी।

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