शब्बीर अहमद, भोपाल। कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के दंगे वाले बयान पर स्पष्टीकरण सामने आया है।दिग्विजय सिंह ने कहा कि-मेरे बयान को तोड़ मरोड़ के पेश किया गया। मेरे बयान से बीजेपी के नेताओं ने ना हटा दिया। पूरा देश जानता है दिग्विजय सिंह दंगे के खिलाफ है। मैंने ये कहा था कि 15 दिन पीसीसी दफ्तर में सोया था। हिंदू, मुसलमान के साथ मिलकर दंगा फसाद ना हो उसके प्रयास किया था। सिर्फ मेरे बयान से ना ही तो हटाना था। बाबरी मस्जिद को शहीद बताने वाले बयान पर दिग्विजय ने कहा -किसी धार्मिक स्थल को जबरदस्ती गिराओगे तो क्या कहेंगे।

शाजापुर में दिग्विजय ने दिया था बयान

बुधवार को नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर शाजापुर में प्रदर्शन में किया गया। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह शाजापुर शहर के चोबदारवाड़ी में मुस्लिम समुदाय के सद्भावना सम्मेलन में भाग लिया। इसी दौरान उन्होंने कहा- ऐसे अनेक अवसर देखने को मिलते है, शिकायत करने के बाद भी पुलिस प्रकरण दर्ज नहीं करती है। दूसरी तरफ पुलिस झूठी शिकायत दर्ज करती है। अन्याय को सहन करने की भी एक सीमा होती है।

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गरीब के बच्चे मारे जाते हैं नेताओं के नहीं

दिग्विजय सिंह ने कहा- कुछ हद तक लोग अन्याय को सहन करते हैं, लेकिन जब अन्याय सिर से ऊपर निकल जाता है, तो नौजवानों में गुस्सा फूटता है। गुस्सा फूटता है तो दोनों तरफ विवाद की स्थिति बनती है। बड़े नेताओं के बच्चे दंगे फसाद में शामिल नहीं होते, गरीबों के बच्चे शामिल होते हैं। पुलिस के डंडे चलते हैं, गोलीबारी होती है तो गरीब के बच्चे मारे जाते हैं, नेताओं के नहीं। इन लोगों को पहचानों, इनके चेहरे पहचानो। जो भड़काने वाली बात करें उनके हाथ जोड़ लो।

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