सुनील शर्मा, भिंड। आवश्यकता ही अविष्कार की जननी है, यह कहावत भिंड में चरितार्थ हो रही है. हर विषम परिस्थिति में जुगाड़ बनाकर काम निकालने के मामले में भारतवासी पहले नंबर पर है. इसी कड़ी में भिंड के सिविल सर्जन डॉ अनिल गोयल ने एक ऐसी जुगाड़ बनाई है जिससे एक नहीं बल्कि दो दो जिंदगियों को एकसाथ मदद मिल रही है.
डॉ अनिल गोयल के इस प्रयास की खूब सराहना हो रही है,क्योंकि इस समय ऑक्सीजन के लिये पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है.
कमी को दूर करने के लिए एक आपातकालीन जुगाड़
जिला अस्पताल में भर्ती 120 से ज्यादा मरीजों लो सेचुरेशन की वजह से ऑक्सीजन पर है. ऑक्सीजन तो पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है लेकिन जिला अस्पताल में मौजूद ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए फ्लो मीटर की भारी कमी है. ऑर्डर के बाद भी बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रही है. अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल गोयल ने इस कमी को दूर करने के लिए एक आपातकालीन जुगाड़ बनाई है जिससे बिना फ्लो मीटर भी जरूरतमंद मरीज को ऑक्सीजन दी जा सके.
20 एमएल की डिस्पोजल इंजेक्शन का इस्तेमाल कर ऑक्सीजन सप्लाई की जुगाड़
बता दें कि ऑक्सीजन फ्लो मीटर का काम सिलेंडर से मरीज तक पहुंच रही गैस का प्रवाह नियंत्रित करना है. इसके अभाव में ऑक्सीजन के लिए एक 20 एमएल की डिस्पोजल इंजेक्शन का इस्तेमाल कर ऑक्सीजन सप्लाई की जुगाड़ तैयार की है. उन्होंने डेमो में दिखाया कि इंजेक्शन के पीछे के हिस्से को काटकर सीधे सिलेंडर नोजल में लगा दिया जाता है. इसके बाद इससे एक ऑक्सीजन पाइप को निडिल हटाकर इंजेक्शन के आगे वाले हिस्से में लगाया जाता है, जिससे पाइप में सीधे ऑक्सीजन सप्लाई होती है.
ऑक्सीजन प्रेशर कंट्रोल के लिए भी जुगाड़
ऑक्सीजन का प्रेशर जानने के लिए एक पानी भरे डिब्बे में डालने से पानी में उठ रहे बुलबुलों को देखकर प्रेशर का अंदाज़ा लगाया जा सकता है. इमरजेंसी में बिना फ्लो मीटर भी मरीज को ऑक्सीजन दी जा सकती है. खास बात यह है कि इसमें भी डिवाइडर लगाकर एक से ज्यादा मरीजों को ऑक्सीजन दिया का सकता है.
ऑक्सीजन की क्षमता बढ़ाने की व्यवस्था
इस देसी जुगाड़ के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अजीत मिश्रा ने डॉक्टर गोयल की तारीफ करते हुए कहा है कि क्राइसिस सभी जगह बढ़ रही है. भिंड जिले में भी ऑक्सीजन की क्षमता बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. 36 ऑक्सीजन बेड बढ़ाने की तैयारी है. उससे पहले ही ज़्यादा संख्या में मरीज भी आ रहे हैं. ऐसे में जिला अस्पताल द्वारा यह आपात व्यवस्था बनाई गई है जिससे मरीजों को समय पर ऑक्सीजन की उपलब्ध हो सके.
पांच हजार में भी नहीं मिल रहा फ्लो मीटर
मरीजों की संख्या बढऩे की वजह से फ्लो मीटर की बाजार में कमी हो गई है. अमूमन अच्छी क्वालिटी का फ्लो मीटर 900 रुपये में मिल जाता है. लेकिन किल्लत के चलते शहर में 5 हजार रुपए में फ्लो मीटर नहीं मिल रहा है. 15 दिन पहले वेंडर को 100 फ्लो मीटर का ऑर्डर दिया गया था. उससे लगातार बातचीत चल रही है. एक हफ्ते में सामान देने के लिए कहा था. अभी नहीं दे पाया है. जुगाड़ की व्यवस्था से काम चलाया जा रहा है और यह कारगर भी साबित हो रहा है.
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