शुभम नांदेकर, पांढुर्णा। एमपी के पांढुर्णा जिले के छात्रों के लिए एक बुरी खबर सामने आई है. फरवरी 2025 में आयोजित होने वाली MPPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए पांढुर्णा को परीक्षा केंद्र सूची से हटा दिया गया है. इसका मुख्य कारण जिला प्रशासन द्वारा डेढ़ वर्ष में भी स्ट्रांग रूम की सुविधा नहीं बना पाना है. यह निर्णय वहां के माध्यम और गरीब वर्ग के छात्रों पर भारी पड़ेगा, जिन्हें परीक्षा देने के लिए अन्य जिलों में जाना पड़ेगा.

साल 2024 में MPPSC परीक्षा केंद्र पांढुर्णा के पारडी रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में था, जहां 383 विद्यार्थियों ने भाग लिया था. लेकिन इस बार प्रशासनिक चूक के चलते पांढुर्णा जिले के छात्रों को अन्य जिलों का रुख करना पड़ेगा. यह कदम छात्रों के लिए न केवल आर्थिक बोझ बढ़ाएगा, बल्कि उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से भी परेशान करेगा.

परीक्षा देने का सपना होगा कठिन

MPPSC जैसी परीक्षा छात्रों को IAS, IPS और DFO जैसे बड़े पदों पर पहुंचने का मौका देती है. लेकिन अब पांढुर्णा के गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों के लिए यह सपना मुश्किल हो गया है. दूसरे जिलों में परीक्षा देने के लिए छात्रों को पहले से जाकर रुकना पड़ेगा, जिससे उनकी तैयारी और संसाधनों पर नकारात्मक असर पड़ेगा.

प्रशासन और नेताओं की नाकामी का उदाहरण ?

पांढुर्णा जिला, जो 2024 में मध्य प्रदेश का 55वां जिला बना, डेढ़ वर्ष में भी एक स्ट्रांग रूम की सुविधा विकसित नहीं कर सका. यह प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की बड़ी विफलता को दर्शाता है. इससे यह स्पष्ट हो गया है कि जिले के नेताओं और प्रशासन का ध्यान छात्रों की शिक्षा और रोजगार के साधनों पर नहीं है.

पाठ्यक्रम में बदलाव नहीं, पर पांढुर्णा बाहर

मध्य प्रदेश राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2025 की तिथि 16 फरवरी निर्धारित की गई है. परीक्षा का पाठ्यक्रम और योजना 2024 के अनुसार ही रहेगी. लेकिन दुर्भाग्यवश, पांढुर्णा जिला इस बार परीक्षा केंद्र से बाहर कर दिया गया है. परीक्षा का विस्तृत नोटिफिकेशन जल्द ही जारी होगा. लेकिन इस निर्णय ने पांढुर्णा के छात्रों को निराश किया है.

छात्रों और अभिभावकों में नाराजगी

पांढुर्णा जिले के छात्रों और अभिभावकों में इस फैसले को लेकर भारी नाराजगी है. उनका कहना है कि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण उन्हें यह दिन देखना पड़ रहा है. यह जिले के विकास के लिए एक बड़ा झटका है और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.

पांढुर्णा का भविष्य दांव पर

MPPSC परीक्षा केंद्र की समाप्ति पांढुर्णा जिले की शिक्षा व्यवस्था और रोजगार संसाधनों के लिए एक बड़ा झटका है. यह समय है कि प्रशासन और जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों को समझें और जिले के विकास और छात्रों के भविष्य के लिए ठोस कदम उठाएं.

पूर्व विधायक मारोतराव खवसे का कहना है कि “मैंने शिक्षा और वित्त मंत्री से मिलकर इस विषय पर पत्र व्यवहार किया था. लेकिन शासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. अब इसका खामियाजा पांढुर्णा के विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है. वर्तमान सत्ताधारी नेताओं ने भी इस दिशा में कोई पहल नहीं की.

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