इंद्रपाल सिंह, नर्मदापुरम। मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले की लचर स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों के लिए परेशानी बन गई हैं. सिवनी-मालवा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अचानक बिजली बंद हो गई. जनरेटर चालू नहीं होने के कारण चिकित्सकों को मोबाइल और टॉर्च की रोशनी में मरीजों का उपचार करना पड़ा. मरीजों के परिजनों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया.

सिवनी-मालवा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाखों रुपये की लागत से बना है. जहां बिजली व्यवस्था को सुचारू करने जरनरेटर भी लगाए हैं. लेकिन देखाभाल की अभाव में वह बंद पड़ा हैं. शनिवार रात को बिजली बंद होते ही अस्पताल में अंधेरा छा गया. ऐसे में डॉक्टरों और स्टॉफ को मजबूरी में मोबाइल टॉर्च की रोशनी से मरीजों का इलाज करना पड़ा. बिजली बंद होने से वार्डों में भर्ती मरीज भी गर्मी और उमसे से परेशान हो गए. लगभग एक घंटे तक अस्पताल में मोबाइल टॉर्च की रोशनी में कामकाज होता रहा.

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अब सवाल खड़ा होता है कि इस दौरान किसी मरीज मरीज को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया जाता तो उसका इलाज मोबाइल के टॉर्च से ही किया जाता? बदहाली के यह तस्वीर स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलती है. समय पर जरनरेटर की सर्विसिंग न कराना लापरवाही को उजागर करता है. जरनरेटर का रखरखाव समय-समय होना चाहिए. ताकि ऐसे हालतों में उसका सही प्रयोग हो.

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