कुमार इंदर, जबलपुर। संभाग के सबसे बड़े उच्च शिक्षा के केंद्र के रूप में विख्यात रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में आज अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई। दरअसल भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन यानी NSUI के कार्यकर्ता कुलपति की बैठक में पहुंच गए और वरिष्ठ प्रोफेसरों के सामने नकली नोट उड़ाने लगे। एनएसयूआई के कार्यकर्ता कुलपति की नियुक्ति से नाराज हैं। एनएसयूआई के नेताओं का आरोप है कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु यानी कुलपति की नियुक्ति गलत ढंग से की गई है।
राजेश वर्मा कुलपति बनने की नहीं रखते पात्रता- NSUI
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश वर्मा कुलपति बनने की पात्रता ही नहीं रखते, उनकी पीएचडी और प्रोफेसर बनने की मियाद पर भी एनएसयूआई ने सवाल खड़े किए हैं। एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष सचिन रजक के नेतृत्व में पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कुलपति पर पैसे देकर पद हथियाने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की। जिस वक्त एनएसयूआई के कार्यकर्ता सूटकेस में नकली नोट लेकर पहुंचे तब कुलपति राजेश वर्मा विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसरों के साथ बैठक कर रहे थे। अचानक आ धमके एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने नकली नोट उड़ाना शुरू कर दिया और उनकी नियुक्ति का विरोध जताया।
नजारा देख चौंक पड़े लोग
प्रोफेसर राजेश वर्मा जब से रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति बने हैं तब से एनएसयूआई के द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। इस मामले में कुलपति प्रोफेसर राजेश वर्मा ने कैमरे के सामने तो कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने इतना जरूर कहा है कि उनकी नियुक्ति विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC द्वारा की गई है। नियुक्ति की यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और योग्यता के आधार पर ही की जाती है। इस दौरान कुलपति के कक्ष में अचानक बड़ी तादाद में नकली नोट उड़ाए जाने के नजारे को जिसने भी देखा वह चौंके बगैर नहीं रह सका।
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