विजेंद्र सिंह राणा, सीहोर। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले मेंपिछले दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टरों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने टीम बनाकर एक मुहिम चलाई थी। इसके तहत जो भी डॉक्टर अवैध तरीके से क्लीनिक चला रहे हैं उनके ऊपर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कार्रवाई की गई थी। साथ ही दस्तावेजों की जांच भी की गई थी। लेकिन इस कार्रवाई के बाद भी झोलाछाप डॉक्टर बाज नहीं आ रहे है। वे बिना लाइसेंस और डिग्री के अब भी प्राइवेट क्लिनिक धड़ल्ले से चला रहे है।  

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जिले के ग्राम चरनाल सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइवेट क्लीनिक झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम चला रहे हैं। ना तो उनके पास किसी प्रकार की कोई परमिशन है, ना कोई डिग्री है। फिर भी वह लोगों का इलाज कर रहे हैं और दवाइयां दे रहे हैं। ऐसे में यहां इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अगर गलत इंजेक्शन और दवाइयों से आगे कुछ घटना घटित होती है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी ? ये एक बड़ा सवाल है।  

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वहीं इस मामले पर श्यामपुर ब्लॉक के स्वास्थ्य अधिकारी नवीन मैहर ने कहा कि जब भी हमारी टीम या हम वहां पर जाते हैं तो डॉक्टर अपने क्लीनिक पर ताला लगाकर भाग जाते हैं। अब स्वास्थ्य अधिकारी के इस बयान से क्या समझा जाए। आखिरकार स्वास्थ्य विभाग चाहता क्या है, जो इस तरह से अधिकारी बहाने बना रहे है। क्षेत्र में बेरोक टोक के चल रहे आखिर इन अवैध क्लीनिकों पर कार्रवाई कब होगी ? कब तक लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया जाएगा, ये देखना गौरतलब होगा।   

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