कुमार इन्दर, जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन हाईप्रोफाइल मामले में प्रशासन ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. मामला हाईटेक होने के बाद जबलपुर पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए कई आरोपियों को बीते दिन गिरफ्तार कर लिया था. वहीं जांच के दौरान पुलिस को सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा की संलिप्तता होने की जानकारी मिली. जिसके बाद पुलिस मोखा की तलाश में जुटी हुई है.
नकली इंजेक्शन का फर्जी बिल
पुलिस की जांच में ये बात सामने आई कि इन 500 नकली इंजेक्शनों की खरीददारी इंदौर में हुई थी. जिसका कोई अधिकृत डीलर नहीं था. खरीदे गए नकली इंजेक्शनों के फर्जी बिल भी तैयार किए गए थे. वहीं पुलिस को सिटी अस्पताल में भर्ती मरीजों को नकली इंजेक्शन लगे होने की आशंका है, जिसकी अब जांच की जाएगी.
मोखा की पुलिस को तलाश
बता दें कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में से कुछ का इस्तेमाल जबलपुर में होने की बात सामने आने पर गुजरात पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए जबलपुर स्थित भगवती फार्मा सेल्स के मालिक सपन जैन को गिरफ्तार किया. इस दौरान पुलिस को जबलपुर सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा और अस्पताल में दवा सप्लाई का काम देखने वाले मैनेजर देवेश चौरसिया की संलिप्तता की जानकारी मिली.
इस पूरे मामले में ओमती थाना पुलिस ने कई धाराओं के तहत मामला दर्ज सपन जैन और देवेन्द्र चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन पुलिस के अस्पताल पहुंचने से पहले मोखा सरबजीत सिंह मोखा फरार हो गया. जिसकी गिरफ्तारी की कोशिश जारी है.
आरोपियों पर एफआईआर दर्ज
इन पुख्ता सबूतों के हाथ लगते ही पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा के निर्देश पर सिटी अस्पताल के संचालक बिल्डर सरबजीत सिंह मोखा, सिटी अस्पताल के मैनेजर देवेश चौरसिया और सपन जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी की धारा 420, 274, 275, 308 समेत 120 ए, 53 आपदा प्रबंधन, महामारी अधिनियम की तमाम धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है.