राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। हमेशा विवादित बयान को लेकर चर्चे में रहने वाली बीजेपी नेता एवं सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह का बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाहर लापता होने के पोस्टर लगाए गए हैं. पोस्टर में लिखा है कि कोरोना महामारी में ‘भोपाल’ की व्यवस्था हो गई ध्वस्त, जनता ने जिन को चुना है ‘सांसद’ वह अपनी मस्ती में हैं मस्त.

पोस्टर में ये भी लिखा है कि लापता सांसद को खोजकर लाने को वाले को उचित इनाम दिया जाएगा. बता दें कि यह पोस्टर एनएसयूआई मेडिकल विंग के नाम से बीजेपी प्रदेश कार्यालय के बाह लगाए गए हैं.

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बता दें कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर, मध्यप्रदेश के भोपाल- सीहोर लोकसभा क्षेत्र की सांसद हैं. उन्हें आतंकी गतिविधियों के आरोप में एनआईए ने गिरफ्तार किया था. लेकिन एनआईए द्वारा मकोका की धाराएं हटाने के बाद उन्हें जमानत दे दी गई. वे तब सुर्खियों में आई थी. जब 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट कांड हुआ था. जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी, करीब सौ लोग घायल हुए थे. सांसद प्रज्ञा सिंह को इस मामले में आरोपी बनाया गया था और उनकी गिरफ्तारी हुई थी. हालांकि अब वे जमानत पर बाहर हैं.

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विवादित बयानों से नाता
भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का विवादों से पुराना नाता है. बीजेपी में शामिल होने के पहले भी और बाद से ही किसी न किसी विवादित बयान के चलते वो लगातार सुर्खियों में बनी रहती हैं. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर बीते साल दिसंबर में मध्य प्रदेश के सीहोर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि हमारे धर्मशास्त्रों में समाज की व्यवस्था के लिए चार वर्ग तय किये गए थे. क्षत्रिय को क्षत्रिय कह दो,बुरा नहीं लगता. ब्राह्मण को ब्राह्मण कह दो, बुरा नहीं लगता. वैश्य को वैश्य कह दो, बुरा नहीं लगता. शूद्र को शूद्र कह दो, बुरा लग जाता है. कारण क्या है? क्योंकि नासमझी है. क्योंकि समझ नहीं पाते.

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