हेमंत शर्मा, इंदौर। नीट परीक्षा के दौरान रविवार को इंदौर में मौसम ने छात्रों की मुश्किलें बढ़ा दीं। तेज बारिश और आंधी के चलते शहर के कई परीक्षा केन्द्रों पर बिजली चली गई। हैरानी की बात यह रही कि इन केन्द्रों पर पावर बैकअप यानी जनरेटर की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिससे छात्रों को अंधेरे में ही परीक्षा देनी पड़ी। इंदौर में कुल 49 केन्द्रों पर नीट परीक्षा आयोजित की गई थी, जिनमें करीब 27 हजार से ज्यादा छात्र शामिल हुए। लेकिन अचानक मौसम बिगड़ने से करीब 10 से ज्यादा परीक्षा केन्द्रों पर बिजली चली गई और जनरेटर नहीं होने के कारण छात्रों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। कई अभिभावकों ने परीक्षा केन्द्रों के बाहर इस लापरवाही को लेकर विरोध भी जताया।
इस पूरे मामले पर इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने सफाई दी कि प्रशासन ने परीक्षा की तैयारी पूरी की थी, लेकिन मौसम की मार से कुछ केन्द्रों पर दिक्कत आ गई। उन्होंने यह भी माना कि नीट परीक्षा केन्द्रों पर पावर बैकअप की कोई व्यवस्था नहीं थी क्योंकि इसके लिए नियमों में कोई प्रावधान नहीं है। हालांकि, कलेक्टर ने यह आश्वासन दिया कि भविष्य में इस तरह की परीक्षाओं में बिजली समस्या न हो, इसके लिए सभी ज़रूरी विभागों को पहले से सूचना दी जाएगी। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिन छात्रों की परीक्षा अंधेरे में हुई, उनके रिजल्ट पर इसका असर पड़ेगा तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
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