हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश सरकार इंदौर को मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। इसी को लेकर इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजनल प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसमें इंदौर के अलावा उज्जैन, धार, शाजापुर और देवास को शामिल किया गया है। इस योजना को अंतिम रूप देने के लिए शनिवार को इंदौर कलेक्टोरेट में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक में योजना से जुड़े कई अहम सुझाव आए, जिन्हें अंतिम प्लानिंग में शामिल किया जाएगा। इसके बाद इस प्रस्ताव को प्रदेश सरकार की समिति के पास भेजा जाएगा।

बैठक में इन बिंदुओं पर हुई चर्चा

बैठक में इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) द्वारा तैयार किए गए मेट्रोपॉलिटन प्लान का प्रेजेंटेशन दिया गया। इसमें पांचों जिलों के विकास से जुड़े प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गई। हालांकि, इस अहम बैठक में चार जिलों के सांसद, 20 विधायक, 3 महापौर, 2 नगर पालिका अध्यक्ष और 4 कलेक्टर शामिल होने थे, लेकिन कई जनप्रतिनिधि व्यस्तता के कारण इसमें शामिल नहीं हो सके।

मेट्रोपॉलिटन प्लान में जिलों की हिस्सेदारी

इंदौर जिले का 100% हिस्सा
उज्जैन का 45%
देवास का 29.72%
धार का 7%
शाजापुर का 0.54%

इंडस्ट्रियल इस्टेट के लिए अलग समिति की मांग

बैठक के दौरान यह प्रस्ताव भी रखा गया कि इस मेट्रोपॉलिटन रीजन में इंडस्ट्रियल इस्टेट के लिए अलग से एक प्राधिकरण बनाया जाए। इस पर विस्तार से चर्चा हुई और सुझाव दिए गए कि इस प्रस्ताव को 7 दिन के भीतर प्रदेश सरकार को भेजा जाएगा।

प्लान तैयार किया गया

इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा, प्रदेश सरकार द्वारा इंदौर, उज्जैन, देवास, धार और शाजापुर को मिलाकर मेट्रोपॉलिटन सिटी बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसमें इंडस्ट्रियल इस्टेट के लिए अलग से समिति बनाने की भी मांग रखी गई है, ताकि यह क्षेत्र आर्थिक रूप से और मजबूत हो सके। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मेट्रोपॉलिटन सिटी की योजना को आधुनिक ढंग से तैयार किया जा रहा है। इसमें औद्योगिक विकास, ट्रांसपोर्ट, आधारभूत संरचना और जनसंख्या घनत्व को ध्यान में रखकर प्लान तैयार किया गया है।

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