अनिल सक्सेना, रायसेन। शहर के एक निजी स्कूल में नर्सरी के विद्यार्थियों को ‘न से नवाज’, ‘म से मस्जिद’, ‘क से काबा’ पढ़ाए जाने पर बवाल हो गया। विद्यार्थी परिषद ने शुक्रवार को स्कूल में जमकर हंगामा किया। इस दौरान कुछ परिजन भी मौजूद थे।परिषद के कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए शहर के वार्ड 2 स्थित बेबी कॉन्वेंट स्कूल पहुंचे। उन्होंने हिंदी के पट्टी पहाड़े में उर्दू शब्दों का उपयोग किए जाने का विरोध किया।
प्रिंसिपल ईए कुरैशी ने गलती स्वीकार की
विरोध के बाद स्कूल की प्रिंसिपल ईए कुरैशी ने गलती स्वीकार की। उन्होंने कहा कि इस पट्टी पहाड़े को पहले चेक नहीं किया था। यह पट्टी पहाड़ा भोपाल से मंगवाया गया और केवल एक ही था। प्रिंसिपल ने बताया कि वे 30 साल से इस स्कूल के माध्यम से सेवा दे रहे हैं। स्कूल में नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं हैं।
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औ से औरत हिजाब में थी तब खुला मामला
मामला तब सामने आया जब स्कूल की नर्सरी कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा के चाचा ने पट्टी पहाड़े पर ध्यान दिया। उन्होंने देखा कि उसमें ‘औ से औरत हिजाब में थी’ इसके बाद उन्होंने पेज पलटकर अन्य शब्दों को देखा। उसमें ‘क से कबूतर’ की जगह ‘क से काबा’, ‘म से मछली’ की जगह ‘म से मस्जिद’ और ‘न से नल’ की जगह ‘न से नमाज’ लिखा था। इसके बाद परिजनों ने आपत्ति जताई और पूर्व छात्र नेता शुभम उपाध्याय सहित विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को इस बारे में सूचित किया।
कार्यकर्ता बोले हमने बचपन में क से कबूतर म से मछली पढ़े
हंगामा के दौरान विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक अश्विनी पटेल सहित अन्य कार्यकर्ताओं के द्वारा स्कूल की ओर से दिए गए इस पट्टी पहाड़ी का जमकर विरोध किया।कहा कि यह सनातन और हिंदुत्व के खिलाफ षड्यंत्र है। छोटे बच्चों को इस तरीके से भ्रमित कर उनको गलत शिक्षा दी जा रही है। प्रिंसिपल ने कहा कि म से मंदिर के साथ म से मस्जिद भी पढ़ा जा सकता है। इस पर कार्यकर्ता भड़क गए और जिला शिक्षा अधिकारी से फोन पर बात कर स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की। थाना कोतवाली प्रभारी नरेंद्र गोयल मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया।
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