नीरज काकोटिया, बालाघाट। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत भरवेली में 5 नवंबर को मंडई मेले का आयोजन होना है. जिसको लेकर पंचायत ने छत्तीसगढ़ी कार्यक्रम का भी आयोजन किया है. ऐसे में कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए पंचायत ने आदिवासी बड़ा देव मंदिर परिसर का चयन कर लिया है. जिससे वहां का आदिवासी समाज नाराज है. उन्होंने कार्यक्रम वहां न कराकर अन्य किसी स्थान में आयोजित कराने की मांग को लेकर अपर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

आदिवासी समुदाय के लोगों ने बताया की पिछले कई सालों से भरवेली ग्राम मे मंडई मेले का आयोजन होता आ रहा है. साथ ही विविध कार्यक्रम भी बाजार चौक में ही आयोजित होते रहे हैं, लेकिन इस बार कार्यक्रम के लिए आदिवासी बड़ा देव मंदिर परिसर का चयन किया गया है. जहां छत्तीसगढ़ी नृत्य कार्यक्रम का आयोजन होना है और इस तरह के आयोजन में अश्लील नृत्य होना भी आम बात हो गई है. साथ ही कार्यक्रम आयोजित होने से मांस-मदिरा का विक्रय होगा, जिससे वहां स्थापित बड़ा देव स्मारक और समाज का प्रतीक सप्तरंगी ध्वज का अपमान होगा.

इसके आलावा पास में ही रानी अवंति बाई की प्रतिमा और बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा भी स्थापित है, जिसे पूर्व में असामाजिक तत्वों ने क्षति पहुंचाई थी. जिससे तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई थी और प्रशासन को धारा 144 का सहारा लेना पड़ा था. उन्होंने कहा कि हमारे धार्मिक केंद्र बड़ा देव मंदिर परिसर में इस तरह का कार्यक्रम आयोजित होने से हमारे धर्मिक सौहार्द को ठेस पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि समिति के द्वारा सरपंच गीता अनिल बिसेन को स्थान परिवर्तन के लिए लिखित आवेदन भी दिया गया था. लेकिन उन्होंने अनदेखा कर दिया. साथ ही उन्होने कहा कि इस तरह का आयोजन कर उन्हें सामाजिक तौर पर लड़ाने की कोशिश की जा रही है. उनका यह भी कहना है कि मांग पूरी नहीं होने पर आदिवासी समाज धरना प्रदर्शन करेगी.

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