सुधीर दंडोतिया, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के टीआईटी कॉलेज स्टूडेंट्स के साथ ड्रग्स-रेप, धर्मांतरण और ब्लैकमेलिंग मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने सरकार और पुलिस विभाग को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में पुलिस की लापरवाही को देखते हुए विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है।

हर पीड़िता को 5 लाख राहत राशि

NHRC की रिपोर्ट में इस घटना को यौन व्यापार जैसा अपराध बताया है। ऐसे अपराध के पीछे एक बड़े नेटवर्क की आशंका जताई है। पीड़ित छात्रों को वापस शिक्षा दिलाने और छात्रवृत्ति देकर पढ़ाई पूरी कराई जाने के निर्देश दिए हैं। पीड़िताओं को निरंतर सुरक्षा और सहारा भी दिया जाए। मुख्यमंत्री राहत कोष से हर पीड़िता को 50 हजार की जगह 5 लाख और एक नाबालिग विशेष पीड़िता को 6 लाख की राहत राशि दी जाए। क्लब 90 को बिना पूर्व सूचना तोड़ने की जांच हो।

मुख्य आरोपी फरहान और शरीफ मछली की मिलीभगत

मुख्य आरोपी फरहान का अन्य राज्यों में भी नेटवर्क होने की आशंका है। आयोग ने कहा- मुख्य आरोपी फरहान और शरीफ मछली की मिलीभगत की जांच हो। कॉलेज में एंटी रैगिंग सेल और और यूजीसी के नियम लागू हो। SSP रैंक से ऊपर का अधिकारी नई जांच टीम का नेतृत्व करे। कॉलेजों में “Anti-Ragging Cell” और UGC गाइडलाइंस का पालन हो। रिपोर्ट 4 हफ्ते में और अनुपालन रिपोर्ट 2 हफ्ते में भेजी जाए। NHRC की टीम में 13 से 17 मई के बीच की थी जांच, रिपोर्ट तैयार कर अब सौंपी है।

अपराध के संभावित नेटवर्क की जांच की आवश्यकता

रिपोर्ट में दावा किया है कि- पीड़िता, परिजन, गवाहों और कॉलेज के स्टाफ से की गई थी। बातचीत में वर्तमान मामले के तथ्यों और अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए, बच्चों और किशोरियों को यौन शोषण और तस्करी के प्रमुख लिंग अपराध के पैटर्न से बचाने के लिए सच्चाई को उजागर करने, राज्य के अंदर और साथ ही पूरे भारत में अपराध के संभावित नेटवर्क का पता लगाने के लिए अधिक कठोर जांच की आवश्यकता है।

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