रीवा। मध्यप्रदेश के रीवा का लाल गुरुवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए आईईडी ब्लास्ट में शहीद हो गया. हेड कांस्टेबल लक्ष्मीकांत द्विवेदी का पार्थिव शरीर शुक्रवार को गृहग्राम बरछा लाया गया. जैसे ही जवान का पार्थिव शरीर रीवा पहुंचा उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जवान को घर पहुंचने से पहले जगह-जगह पर नमन किया गया. शाम को जवान का पार्थिव शरीर उसके घर पहुंचा. इस वक्त पूरे गांव में शोक की लहर है.

शहीद जवान लक्ष्मीकांत द्विवेदी सोहागी थाने में डीआरजी के 22वीं बटालियन में तैनात थे. शहीद लक्ष्मीकांत 5 नवंबर 2005 में 12वीं वाहिनी छत्तीसगढ़ में भर्ती हुए थे. हालही में निर्माण कंपनी की सुरक्षा में तैनात किया गया था. एक महीने पहले शहीद जवान घर छुट्टी में आया था. यहां से जाने के बाद जवान को पहुरनार में इंद्रावती नदी पर पुलिया निर्माण की सुरक्षा में लगाया गया था. दोपहर में वो वहीं पास में एक पेड़ के नीचे खाना खाने के लिए बैठे थे. ठीक इसी दौरान आईईडी ब्लास्ट हो गया. इस ब्लास्ट से जवान लक्ष्मीकांत द्विवेदी का शरीर कई टुकड़ों में बंट गया और मौके पर ही शहीद हो गए.

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शहीद जवान के माता-पिता बुजुर्ग है. उनके पिता लकवाग्रस्त है. उनकी पत्नी और दो बेटियों बेटी रुचि (7 साल) और पारुल (3 साल) गांव में इनके साथ रहती है. जबकि एक भाई कमला कांत द्विवेदी छत्तीसगढ़ बल में ही तैनात है और 2 भाई इंजीनियर है. शहीद का पार्थिव शरीर एम्बुलेंस से रीवा पहुंचा, जहां उन्हें जगह-जगह श्रद्धांजलि दी गई. गृहग्राम बरछा में जवान का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.

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जवान की शहादत पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी संवेदना व्यक्त कर चुके हैं. उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में पदस्थ रीवा के लाल हेड कांस्टेबल लक्ष्मीकांत द्विवेदी के प्रेशर IED की चपेट में आने से शहीद होने का समाचार मिला. उनकी शहादत पर मध्यप्रदेश को गर्व है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों को संबल प्रदान करें.