आशुतोष तिवारी, रीवा. मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बहुती प्रपात में देवर और भाभी ने एक साथ जान दे दी। लेकिन इस आत्महत्या से पहले एक ऐसा कदम उठाया गया, जिसने रिश्तों की सारी सीमाएं तोड़ दीं। देवर दिनेश साहू ने अपनी ही भाभी सकुन्तला साहू की मांग में सिंदूर भरा और उसके बाद दोनों ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा कर बहुती प्रपात में छलांग लगा दी।

परिवार के सदस्यों को बताया मौत का जिम्मेदार

वीडियो में दोनों ने खुद को मानसिक रूप से प्रताड़ित बताया और परिवार के कुछ सदस्यों को मौत का जिम्मेदार ठहराया है। मामला अब प्रशासन की लापरवाही, सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक दबाव जैसे कई सवालों को जन्म दे रहा है। बहुती प्रपात की ऊंचाई से गिरते पानी के बीच एक प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत। देवर और भाभी ने आत्महत्या कर ली। लेकिन इससे पहले, दिनेश साहू ने सबके सामने अपनी भाभी की मांग में सिंदूर भरकर उसे पत्नी का दर्जा दिया और फिर दोनों ने साथ में छलांग लगा दी।

रिश्ते में दोनों थे देवर-भाभी

बता दें कि 26 वर्षीय दिनेश साहू, ग्राम तेलिया बूढ़ पंचायत देवरा खटखरी का निवासी था। वहीं महिला सकुन्तला साहू 35 वर्ष की थीं और रिश्ते में दिनेश की भाभी थीं। उनके तीन छोटे बच्चे हैं- 11, 8 और 2 साल की बेटियाँ हैं।

आत्महत्या से पहले इंस्टा पर शेयर किया वीडियो

आत्महत्या से ठीक पहले दोनों ने एक वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा किया। उसमें दिनेश ने लिखा- हम बहुत परेशान हैं। हमारी मौत के जिम्मेदार हीरालाल साहू, राजेंद्र साहू, संतोष साहू, राजकुमार साहू और उनका पूरा परिवार है। हाथ जोड़कर सरकार से विनती है कि इन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाए। इसके बाद दिनेश ने अपने गांव का नाम भी बताया और फिर दोनों बहुती प्रपात में कूद गए।

परिजनों ने क्या कहा?

युवक के चाचा ने बताया कि 19 जुलाई को युवक घर से निकला। फिर हमने पता लगाना शुरु किया तो पता चला कि वह लड़की के घर पर था। लेकिन खबर मिली की प्रपात में वह कूदकर आत्महत्या कर लिया। लड़की के पिता ने बताया कि इस संबंध में बेटी ने कभी कुछ शिकायत नहीं की थी। कोई दिक्कत नहीं थी।

बहुती प्रपात आत्महत्याओं और हादसों के लिए चर्चित

यह वही बहुती प्रपात है, जो पहले भी आत्महत्याओं और हादसों के लिए चर्चित रहा है। अब तक यहां 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके, आज तक कोई ठोस सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई। रेलिंग टूटी हुई है। घटना के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल एनडीआरएफ टीम को बुलाया है, लेकिन 600 फीट से अधिक ऊंचाई से गिरते पानी और तेज बहाव के चलते शवों की तलाश करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है।

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