शब्बीर अहमद, भोपाल। राजधानी भोपाल में तेज रफ्तार और सड़क हादसे के चलते असमय कई लोग काल के गाल में समा रहे हैं। शहर के 16 स्पॉट ऐसे जो अब ब्लैक स्पॉट में तब्दील हो गए है यहां सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। सड़क हादसों से मौत के आंकड़ों की बात करेंगे तो आंकड़े सुनकर आप चौक जाएंगे। भोपाल शहर में पिछले 5 सालों में 900 लोगों ने जान गंवाई है। जिले में रोज 2 लोगों की सिर्फ सड़क के कारण मौत होती है, इसमें भी 60 से 65 फीसदी मौत हेलमेट नहीं पहनने के चलते होती हैं।
सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने किया मुआयना
बढ़ते सड़क हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और पूर्व न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे ने भी चिंता जताई है और शहर के 16 ब्लैक स्पॉट में से 8 ब्लैक स्पॉट का अभय मनोहर ने मुआयना किया है। जहां उन्होंने अधिकारियों से बढ़ते एक्सिडेंट की वजह पूछी। इस दौरान सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष ने जहां-जहां ब्लैक स्पॉट हैं वहां-वहां सड़क बदलाव के साथ साइन बोर्ड बदलने को लेकर निर्देश भी दिए। करीब 36 जगह पर लेफ्ट टर्न क्लीयरेंस की बेहद आवश्यकता है। भविष्य में ध्यान रखना होगा कि नए ब्लैक स्पॉट्स और लेफ्ट टर्न में बाधा ना खड़ी हो, सड़के ठीक हो और लोग अपनी जिम्मेदारी का पालन करते हुए ट्रैफिक नियमों की धज्जियां न उड़ाएं।
2021 से बिना हेलमेट के सड़क हादसों में मारे गए लोगों के आंकड़े
- 2021: 145 मौतें, 109 बिना हेलमेट (75.17%)
- 2022: 150 मौतें, 107 बिना हेलमेट (71.43%)
- 2023: 168 मौतें, 120 बिना हेलमेट (71.62%)
- 2024: 173 मौतें, 107 बिना हेलमेट (61.84%)
- 2025 (अब तक): 131 मौतें, 100 बिना हेलमेट (76.34%)
सड़क हादसों में अब तक जितनी मौतें हुई हैं, अगर वो सभी हेलमेट पहने होते तो उनमें से 60 फीसदी लोगों की जान बच सकती थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब भोपाल कलेक्टर ने आदेश दिए है कि बगैर हेलमेट के कोई भी पेट्रोल संचालक फ्यूल नहीं देगा। लेकिन सवाल ये है कि हम खुद क्यों नहीं जागरूक होते हैं। सारी जिम्मेदारी प्रशासन के ऊपर क्यों थोप देते हैं। गाड़ी चलाते वक्त एक बात ध्यान रखें जिंदगी है जरूरी तो हेलमेट भी है जरूरी।
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