कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक बार फिर से डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर 12 लाख की ठगी का मामला सामने आया है। आरोपियों ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए पीड़ित दंपति को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसने और फिर उसी केस से उबारने के नाम पर 12 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए। लेकिन आरोपी 12 लाख रुपए लेने पर भी नहीं माने और उसके बाद फिर से पीड़ित दंपति को बार-बार फोन कर पैसे की मांग करते रहे।  

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आरोपी पैसे ना देने पर दंपत्ति को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फंसाने की धमकी देते रहे। इस बात से त्रस्त रांझी थाना निवासी पीड़ित दंपति ने थाने जाकर शिकायत की। पीड़ित दंपति ने शिकायत में बताया कि उन्हें पहली बार 1 दिसंबर को फोन आया था, जिसमें आरोपियों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसने की बात की और उसे छुटकारा दिलाने की एवज में पहले उनसे 1 लाख 75000 ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए। उसके कुछ दिन बाद फिर से आरोपियों ने पीड़ित दंपति को फोन करके 10 लाख  रुपए ट्रांसफर करवा लिए। 

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पीड़ित दंपत्ति के मुताबिक इस तरह दो बार पैसे ट्रांसफर करने के बाद आरोपी फिर से बार-बार फोन कर पैसे की मांग करने लगे। थक हारकर पीड़ित परिवार रांझी थाने पहुंचा और पूरी आपबीती पुलिस को सुनाई , पुलिस ने मामला कायम कर जांच शुरू कर दी है।

परिवार की महिला को रखा डिजिटल अरेस्ट 

आपको बता दे कि आरोपी पीड़ित परिवार की महिला को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर उसे घर में ही कैद करके रखा। उसे फोन और वीडियो कॉल के माध्यम से यह धमकी देते रहे कि वह डिजिटल अरेस्ट है। लिहाजा घर से बाहर न निकले, इस तरह से कई दिनों तक पीड़ित दंपति अपने ही घर में कैद रहे।

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