कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक शासकीय स्कूल की छत भरभरा कर गिर पड़ी। गनीमत यह रही कि जब यह हादसा हुआ तब छात्र क्लासरूम की जगह बाहर ग्राउंड में प्राथना कर रहे थे।जिसके चलते बड़ा हादसा होने से टल गया। यदि ऐसा नही होता तो राजस्थान की तरह इस स्कूल में भी बड़ी संख्या में छात्रों की जान जा सकती थी।

प्रार्थना करने की वजह से बची बच्चों की जान 

दरअसल यह घटना ग्वालियर ग्रामीण विधानसभा में आने वाले शासकीय प्राथमिक विद्यालय बहादुपर की है। सामान्य दिनों की तरह छात्र स्कूल पढ़ने पहुंचे और घंटी बजते ही प्रार्थना में आकर खड़े हो गए। तभी अचानक तेज आवाज आई,जब जाकर देखा गया तो स्कूल के एक क्लास रूम की छत भरभरा कर ढह गई। छत गिरने के साथ भारी भरकम पत्थर की पटिया और लेंटर भी नीचे आ गए। यदि हादसे के वक्त स्कूली छात्र क्लासरूम में होते तो राजस्थान की तरह बड़ी संख्या में छात्रों की जान जा सकती थी। सूचना मिलने पर आम आदमी पार्टी प्रदेश महासचिव एड अमित शर्मा भी स्कूल पहुंचे। जहां उन्होंने स्कूल भवन के जर्जर हाल का वीडियो बनाया।उन्होंने वीडियो में बताया कि छत गिरने के बाद किस तरह का हाल क्लास रूम का हुआ। इसके साथ ही उन्होंने बॉयज टॉयलेट का वीडियो बनाते हुए दिखाया कि वह किस तरह खण्डरनुमा हाल में टूटे पड़े है, हैंडबॉस करने वाले सिंक में शराब की खाली बोतल पड़ी हुई मिली। 

समय रहते नहीं की गई स्कूल की मरम्मत 

गर्ल्स टॉयलेट में कही दरवाजे गायब तो कहीं नल की टोंटी गायब मिली। एड अमित शर्मा का कहना है कि प्रशासन ने इस बड़े हादसे को छुपाने की कोशिश की है। समय रहते स्कूल का मेंटेनेंस यदि होता रहता तो इस तरह के हादसों को होने से रोका जा सकता है। इस हादसे को निमंत्रण देने वाले दोषी अध्यापकों और जिम्मेदार अधिकारियों को चिन्हित कर कार्रवाई की जानी चाहिए।

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स्कूलों की जर्जर हालत को लेकर ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान का कहना है कि प्राइमरी और मिडिल स्कूल की बिल्डिंग जो 20 साल पुरानी हैं उनकी स्थिति गंभीर है। ऐसे भवनों को चिन्हित कर पास की शाला के जो नए कमरे बनाए गए हैं। वर्तमान में छात्रों की पढ़ाई वहां कराई जा रही है। जो कमरे अनसेफ हैं, वहां छात्रों की पढ़ाई नहीं कराई जाए, इसके निर्देश पूर्व में जारी किए जा चुके हैं। हमने स्कूलों को रेड,ऑरेंज और ग्रीन जोन में मैप किया हैं। इनकी जो लिस्टिंग कराई थी इसमें हमें 100 स्कूल रेड जोन के मिले थे। हमने शासन को प्रस्ताव भेजा था, इनके सुधारने के लिए शासन की ओर से राशि भी मिल चुकी है। जल्द काम शुरू होगा। आपको बता दें कि राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलौद गांव में भी सरकारी स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई थी और दर्जनों घायल हो गए थे।

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