कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हो रहे जल भराव, खस्ताहाल सड़के और खराब ड्रेनेज सिस्टम के हालात देखने दिल्ली से CSIR और CSRI के वैज्ञानिकों का दल दो दिवसीय दौरे पर आया था। उन्होंने 08 से ज्यादा सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। उनके द्वारा शहर के ड्रेनेज सिस्टम और उसके मिलान को ठीक नही पाया है। शॉर्ट रिपोर्ट में इन हालातों को ठीक करने के लिए डीपीआर बनाकर चरणों में काम करने के साथ भी अतिक्रमण न होने की सलाह दी है।
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दरअसल इन दिनों शहर की खस्ताहाल सड़कों की चर्चा देश भर में हो रही है। बारिश के मौसम में जगह-जगह जलभराव और खराब ड्रेनेज सिस्टम के चलते लोग परेशान हैं। इन हालातों के बीच भविष्य में इन सभी समस्याओं से निजात मिल सके,इसको लेकर दिल्ली से CSIR और CSRI का वैज्ञानिक दल दो दिवसीय निरिक्षण दौरे पर आया हुआ था। इनके द्वारा शहर के सबसे ज्यादा प्रभावित आठ जगहों का निरीक्षण किया गया,अधिकांश जगह सड़कों के ऊपर जल भराव के हालात बने हुए मिले। ड्रेनेज सिस्टम और नालियों का मिलान भी ठीक नहीं पाया।
- आंनद नगर- मंडी रोड पर जल भराव मिला,वैज्ञानिकों को यहां नाला बना मिला,लेकिन नाले का आउटलेट से मिलान नहीं था। ऐसे में नाले की सफाई करने और आउटलेट के मिलान का सुझाव दिया गया
- ट्रांसपोर्ट नगर- वैज्ञानिक दल को मौके पर नाला मिला,लेकिन उसमें सफाई नहीं थी।ऐसे में नाले की सफाई करने के साथ पुलिया बनाकर सिस्टम तैयार करने का सुझाव दिया।
- शताब्दी पुरम- वैज्ञानिक दल को यहां भारी जल भराव मिला,ऐसे में पानी की निकासी के लिए डाले गए पाइपों की सफाई करने और अतिक्रमण हटाने की सलाह दी गई
- सिटी सेंटर- क्षेत्र के एयरटेल ऑफिस के सामने की सड़क खस्ता हाल मिली।ऐसे में रोड किनारे नाली बनाने के साथ मुख्य रोड को ड्रेनेज से जोड़ने की सलाह दी गई।
- चेतकपुरी रोड- देश भर में ग्वालियर की छवि को खराब करने वाली चेतकपुरी रोड निरीक्षण के दौरान जगह-जगह खराब हालत में मिली।जगह-जगह सड़क पर गिट्टी डाली गई थी। वैज्ञानिक दल ने सुझाव दिया है कि जब गहरी लाइन डाली जाए तो कॉम्पेक्शन का काम ठीक ढंग से जरूर किया जाना चाहिए।
- लक्कड़खाना और छप्पर वाला पुल- अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम को देखा, जो पूरी तरह से खराब मिला।फिर स्वर्ण रेखा छप्परवाला पुल तक जायजा लिया। इसके बाद वैज्ञानिक दल ने अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम की जालियों से कचरा अंदर नहीं जाए इसका सुझाव दिया।
- आदित्यपुरम- टीम को ड्रेनेज सिस्टम पूरे इलाके में ही नहीं मिला। ऐसे में वैज्ञानिक दल ने सुझाव दिया की सड़कों से अतिक्रमण हटाया जाए,साथ ही अलग से ड्रेनेज सिस्टम बनाने का सुझाव भी दिया गया
- सनवैली- वैज्ञानिक दल को शहर का सबसे बड़ा जल भराव वाला यह क्षेत्र मिला। साथ में मौजूद नगर निगम के इंजीनियरों ने बताया कि आगे बड़ी पुरानी नदी है सड़क की ढलान उस तरफ है। जिस पर वैज्ञानिक दल ने सवाल उठाए और कहा कि यदि ढलान सही होती तो पानी का जल भराव नहीं होता। ऐसे में बारिश के सीजन के बाद सड़क की ढलान का मिलन करते हुए पुनः निर्माण का सुझाव दिया।
वैज्ञानिक दल के निरीक्षण पर शहर वासियों को बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। शहर भर के बदहाल सिस्टम पर आम लोगों का कहना है कि जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी नियमों को तक पर रखकर काम करते हैं। इससे आम जनता परेशान होती है अब वैज्ञानिक दल निरीक्षण करने आए हैं उनके द्वारा सुझाव दिए गए हैं लेकिन जब तक उन पर अमल नहीं होगा तब तक शहरवासी परेशान होते रहेंगे।
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वैज्ञानिकों के दल द्वारा किए गए निरीक्षण को लेकर ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान का कहना है कि उनके द्वारा दी जाने वाली विस्तृत रिपोर्ट पर भविष्य का कंप्रिहेंसिव सिटी प्लान तैयार किया जाएगा। जिसके जरिए शहर की सड़क, ड्रेनेज सिस्टम और सीवेज सिस्टम को मजबूत किया जाएगा। इसके साथ ही इंडियन रोड कांग्रेस के नियमों के तहत ही शहर की छोटी बड़ी सड़कों का निर्माण हो इसको भी प्राथमिकता के साथ मॉनिटर किया जाएगा।
आपको बता दे कि दिल्ली से आए वैज्ञानिकों के दल में वैज्ञानिक सुनील जैन, कंबर सिंह, मनोज शुक्ला और संपत कुमार शामिल है,इनकी निगरानी में ही दल ने सभी प्रमुख प्रभावित 08 जगहों का निरीक्षण करने के बाद शॉर्ट रिपोर्ट तैयार की है। विस्तृत रिपोर्ट जल्द तैयार कर नगरीय प्रशासन विभाग को भेजी जाएगी।
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