योगेश पाराशर, मुरैना। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के सबलगढ़ में जनसुनवाई के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एसडीएम अरविंद माहौर ने अपना आपा खोते हुए एक समाजसेवी को न केवल थप्पड़ मारने की धमकी दी, बल्कि उन्हें धक्के देकर जनसुनवाई से बाहर भी निकलवा दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सबलगढ़ में बुधवार को हुई जनसुनवाई में रामपुर निवासी समाजसेवी धर्मेंद्र चतुर्वेदी, जिन्हें लोग ‘अन्ना हजारे’ के नाम से भी जानते हैं, एक शिकायत लेकर पहुँचे थे। उनकी शिकायत थी कि शिक्षक भर्ती चयन परीक्षा के लिए सामान्य वर्ग के युवक-युवतियों के ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) प्रमाणपत्र बनवाने में देरी हो रही है। 

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SDM ने कथित तौर पर अपशब्दों का किया इस्तेमाल  

चतुर्वेदी ने बताया कि ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र के लिए 31 जुलाई के बाद की तारीख दी जा रही है, जबकि फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। इसी मुद्दे पर एसडीएम अरविंद माहौर के साथ उनकी बहस शुरू हुई। बात इतनी बढ़ गई कि एसडीएम ने गुस्से में चतुर्वेदी को थप्पड़ मारने की धमकी दे दी और कथित तौर पर अपशब्दों का भी इस्तेमाल किया। इसके बाद, एसडीएम के सुरक्षाकर्मियों ने धर्मेंद्र चतुर्वेदी को जबरन जनसुनवाई कक्ष से बाहर निकाल दिया। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो वहाँ मौजूद लोगों ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

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समाजसेवी ने SDM की गाड़ी के सामने दिया धरना 

जनसुनवाई से बाहर निकाले जाने के बाद धर्मेंद्र चतुर्वेदी ने हार नहीं मानी। उन्होंने एसडीएम कार्यालय परिसर में ही एसडीएम की गाड़ी के सामने धरना शुरू कर दिया। हाथ में मजीरा लेकर वे ‘सीताराम की राम धुन’ गाने लगे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुँची और काफी समझाने के बाद चतुर्वेदी ने अपना धरना समाप्त किया। 

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