अनिल मालवीय, इछावर(सीहोर) शिक्षा के मंदिर में भी भ्रष्टाचार की दीमक लग चुकी है। मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के चैनपुरा गांव स्थित शासकीय पीएम श्री हाई स्कूल से एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसमें स्कूल के प्राचार्य आलोक शर्मा पर निर्माण कार्यों के लिए प्राप्त करीब 10 लाख रुपये की राशि का गबन करने का गंभीर आरोप लगा है।

पैसे तो आए लेकिन स्कूल में कुछ काम नहीं हुआ 

मामले का खुलासा तब हुआ जब ग्रामीणों ने स्कूल की जर्जर हालत को देखकर सवाल उठाने शुरू किए। जब उन्होंने गहराई से जानकारी जुटाई तो पाया कि शासन द्वारा स्कूल की मरम्मत, रंगाई-पुताई, दरवाजे-खिड़कियों की मरम्मत, और अन्य आवश्यक कार्यों के लिए लगभग दस लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतने पैसे मिलने के बाद भी स्कूल की हालत पहले से भी बदतर बनी हुई है। स्कूल भवन की वर्तमान स्थिति बेहद चिंताजनक है। खिड़कियां टूटी हुई हैं, दरवाजे जर्जर अवस्था में हैं, दीवारों से प्लास्टर उखड़ चुका है, ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जो राशि स्कूल की मरम्मत के लिए आई थी, वो आखिर गई कहां?

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निजी और रिश्तेदारों के खातों में राशि ट्रांसफर के लगे आरोप 

आरोप है कि प्रिंसिपल आलोक शर्मा ने शासकीय राशि का दुरुपयोग करते हुए उसे अपने निजी खाते और अपने रिश्तेदारों के खातों में स्थानांतरित किया, जिससे साफ जाहिर होता है कि इस मामले में गंभीर वित्तीय अनियमितता हुई है। जब यह मामला ग्रामीणों की जानकारी में आया, तो ग्रामीणों ने सीहोर कलेक्टर और शिक्षा विभाग को लिखित शिकायत सौंपी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, और स्कूल की बुनियादी सुविधाओं के नाम पर बड़ी लापरवाही बरती गई है।

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जांच के लिए समिति का गठन 

इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी संजय सिंह तोमर ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक जांच समिति का गठन किया है। साथ ही प्रिंसिपल का वेतन भी तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है, जिससे जांच निष्पक्ष रूप से की जा सके। जिला शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि जांच समिति की रिपोर्ट जैसे ही प्राप्त होगी, उसके आधार पर दोषी प्रिंसिपल के खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। शासन द्वारा बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधा देने के उद्देश्य से दी गई राशि यदि इस तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती रही, तो बच्चों का भविष्य कैसे संवर पाएगा ?

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