निशांत राजपूत, सिवनी। अगर किसी शख्स को सांप काट ले तो कुछ ही घंटों में उसकी मौत हो जाए। लेकिन मध्य प्रदेश में एक शख्स की 1, 2 या 3 नहीं बल्कि 38 बार सांप के काटने से मौत हुई है। चौंकिए नहीं, सिवनी जिले के केलवारी से ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां राजस्व विभाग ने 279 जिंदा लोगों को सर्पदंश से मृत बता कर लगभग 11 करोड़ 16 लाख रुपए का घोटाला कर दिया। मामला 16 नवंबर 2022 का है जिसकी राज्य शासन जांच कर रही है।
सर्पदंश से मृत्यु होने पर सरकार देती है 4 लाख रुपए
बता दें कि मध्य प्रदेश में सर्पदंश से मृत्यु होने पर सरकार की और से 4 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है। जानकारी के मुताबिक, रानी बाई नाम की एक महिला को सांप के काटने से 29 बार मृत दिखाया गया और हर बार शासन की ओर से 4 लाख रुपये की राहत राशि दी गई। इस तरह द्वारका बाई के नाम पर 1 करोड़ 16 लाख रुपये का मुआवजा दे दिया गया।
वहीं, राजू नाम के एक व्यक्ति को भी सांप काटने से 28 बार मृत दिखाया गया और हर बार उसे भी 4 लाख रुपये की राहत राशि दी गई। इस तरह कुल 47 लोगों को 280 बार मृत दिखाकर सरकार की ओर से दी जाने वाली 4-4 लाख रुपये की प्राकृतिक आपदा राहत राशि ट्रांसफर की गई, जिससे कुल 11 करोड़ 26 लाख रुपये का घोटाला हुआ।
सहायक ग्रेड 3 कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज
दरअसल, राजस्व विभाग केवलारी में RBC 6-4 के तहत प्राकृतिक आपदाओं के शिकार लोगों और उनके परिजनों को दी जाने वाली राहत राशि में 11 करोड़ 16 लाख रुपयों का घोटाले का मामला सामने आया है। जिसके बाद तहसीलदार हरीश लालवानी के निर्देश पर पुलिस थाना केवलारी में सहायक ग्रेड -3 कर्मचारी सचिन दहायत के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। फिलहाल आरोपी फरार बताया जा रहा है।
279 जिंदा लोगों को बता दिया मुर्दा
मिली जानकारी के अनुसार केवलारी तहसील कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी ने करीब 279 जिंदा लोगों को मुर्दा बताकर अनुचित लाभ दिलाया गया है। अब पुलिस इन सभी के खाते खंगाल रही है। फिलहाल राजस्व और पुलिस अधिकारियों ने मामला विवेचना में होने का हवाला देते हुए कैमरे के सामने कुछ भी कहने से मना कर दिया है।
विधायक ने कहा- इसमें बहुत लोग शामिल
इस पूरे मामले में क्षेत्रीय विधायक राकेश पाल सिंह ने कहा कि यह काम किसी एक व्यक्ति या कर्मचारी का नहीं है। इसमें बहुत से लोग शामिल हैं। इस मामले को तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संज्ञान मे लाकर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कराने की बात कही है।
आरोपी बाबू की प्रॉपर्टी सीज
वर्तमान में राज्य शासन इस प्रकरण की जांच कर रही है। इस घोटाले में तहसीलदार और SDM की भूमिका क्या थी इन विषयों में जांच चल रही है। मुख्य आरोपी बाबू सेवा से बर्खास्त हो गया है। रिकवरी के लिए उसकी प्रॉपर्टी सीज की जा चुकी है।
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