निशांत राजपूत, सिवनी। मध्य प्रदेश के सिवनी में सामने आए करोड़ों के ‘सांप घोटाले’ की चर्चा पूरे देशभर में हो गई है। सरकारी योजना के नाम पर करोड़ों की धनराशि का गबन किया गया। लेकिन जिस विभाग का यह घोटाला था, उस डिपार्मेंट के मंत्री को ही इसकी भनक नहीं है।
पेंडिंग काम पर बोले- नौकरी लायक नहीं छोडूंगा
दरअसल, राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा आज सिवनी पहुंचे थे जहां उन्होंने अपने विभाग के काम का जायजा लिया। उन्होंने जल संवर्धन अभियान के कार्यों की भी की समीक्षा कर जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर को समय सीमा पर कार्य करने के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कहा, “जो भी प्रकरण 3 माह से अधिक लंबित होंगे उनके जिम्मेदार अधिकारियों को नौकरी लायक नहीं छोडूंगा।
मंत्री को नहीं घोटाले की जानकारी
मंत्री करण सिंह वर्मा से इस दौरान केवलारी के 11 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर सवाल पूछा गया। लेकिन उन्हें इसकी खबर तक नहीं थी। जिसके बाद कलेक्टर को जानकारी देनी पड़ी। मंत्री ने कलेक्टर संस्कृति जैन से इस मामले की जांच के लिए कहा जिस पर कलेक्टर ने बताया कि इसकी जांच हो चुकी है। मामला साल 2019 से 2021 का है। 57 लोगों पर FIR हो चुकी है, 2 लोग बर्खास्त हो चुके हैं।
क्या है ‘सांप घोटाला’?
सिवनी के केलवारी में राजस्व विभाग ने 279 जिंदा लोगों को सर्पदंश से मृत बता कर लगभग 11 करोड़ 16 लाख रुपए का घोटाला कर दिया। जानकारी के मुताबिक, रानी बाई नाम की एक महिला को सांप के काटने से 29 बार मृत दिखाया गया और हर बार शासन की ओर से 4 लाख रुपये की राहत राशि दी गई। इस तरह द्वारका बाई के नाम पर 1 करोड़ 16 लाख रुपये का मुआवजा दे दिया गया। यहां पढ़ें पूरी खबर
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