अजयारविंद नामदेव, शहडोल. मध्य प्रदेश के शहडोल वन विभाग में घमासान मचा हुआ है. क्योंकि मुख्य वन संरक्षक अजय पांडेय (CCF) और रेंजर राम नरेश विश्वकर्मा के बीच हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है. रेंजर के साथ अभद्रता और अमर्यादित व्यवहार के आरोपों को लेकर वनकर्मी और फॉरेस्ट एसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने संभागायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौंपा है और सीसीएफ के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

दरअसल, रोहनिया बीट में जमीन सीमांकन को लेकर CCF और रेंजर के बातचीत हुई. आरोप है कि सीसीएफ ने रेंजर के साथ न सिर्फ गाली-गलौज की, बल्कि उनके बीमार बेटे को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणियां की. इस व्यवहार से आहत होकर शहडोल वन परिक्षेत्र के अधिकारियों-कर्मचारियों ने विरोध जताया और फॉरेस्ट एसोसिएशन की अगुवाई में ज्ञापन सौंपकर उच्च स्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग की है.

कर्मचारियों ने किसानों से लिए पैसे?

इधर, CCF अजय पांडेय ने सभी आरोपों को निराधार और दुर्भावनापूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि पूरा मामला एकतरफा पेश किया जा रहा है और यह विरोध पूर्वाग्रह से ग्रसित है. सीसीएफ का कहना है कि कई कर्मचारियों के खिलाफ किसानों से पैसे मांगने की शिकायतें सामने आई हैं. जिसे लेकर विधायक मनीषा सिंह ने भी मुख्यमंत्री के माध्यम से लिखित शिकायत की है.
उन्होंने संकेत दिए कि इन्हीं जांचों से बचने के लिए अब कुछ कर्मचारी विरोध की आड़ ले रहे हैं.

प्रशासनिक चुनौती बना मामला

बता दें कि यह विवाद केवल दो अधिकारियों के बीच का नहीं रहा. यह अब एक प्रशासनिक चुनौती बन गया है. जहां एक तरफ वनकर्मी अपने वरिष्ठ पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी ओर CCF स्तर का अधिकारी घूसखोरी जैसी गंभीर शिकायतों की जांच की बात कह रहा है. अब देखना होगा कि आखिर इस मामले में उच्च अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं?

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