अजयराविंद नामदेव, शहडोल। जहां एक ओर सरकारी स्कूलों की दुर्दशा को लेकर सवाल उठते रहते हैं, वहीं शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह ने सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर भरोसा जताकर सड़क विहीन कीचड़ युक्त जर्जर स्कूल में अपनी बेटी का दाखिला करा मिसाल पेश की है। जो आने वाले समय में बदलाव की बयार ला सकती है। शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने न सिर्फ लोगों का दिल जीता, बल्कि सरकारी स्कूलों पर से उठते भरोसे को फिर से जगाने का काम भी किया है।
यहां आम ग्रामीण की बच्चियां भी शिक्षा प्राप्त करती है
शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह ने अपनी बेटी गिरीशा नंदिनी सिंह का दाखिला अपने गृहगांव राजेंद्रग्राम की शासकीय प्राथमिक कन्या शाला में कराया है। यह वही सड़क विहीन कीचड़ युक्त जर्जर स्कूल है, जहां आम ग्रामीण बच्चियां शिक्षा प्राप्त करती हैं। सांसद द्वारा अपनी पुत्री को उसी पंक्ति में बैठाकर सरकारी शिक्षा व्यवस्था पर भरोसा जताना एक प्रेरणादायक और अनुकरणीय पहल के रूप में देखा जा रहा है।
ग्रामीणों, शिक्षकों और अभिभावकों ने सांसद के इस कदम की प्रशंसा की
सांसद ने इस कदम के जरिए यह स्पष्ट संदेश दिया है कि यदि जनप्रतिनिधि खुद सरकारी व्यवस्थाओं में भरोसा जताएं तो उसमें सुधार अपने आप आ सकता है। उन्होंने कहा कि यह पहल सिर्फ एक बच्ची के दाखिले तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सोच है । सरकारी संसाधनों को मजबूत बनाने की, आमजन के बीच भरोसे को पुनः स्थापित करने की, ग्रामीणों, शिक्षकों और अभिभावकों ने सांसद के इस कदम की प्रशंसा की है।
स्कूल में जाने के के लिए सड़क नहीं है
आपको बता दे कि सांसद हिमाद्री सिंह ने अपनी बेटी गिरीशा का जिस स्कूल में एडमिशन कराया है , उस जर्जर स्कूल में जाने के के लिए सड़क नहीं है। कीचड़ से सनी सड़क है, जिससे होकर वो खुद अपनी बेटी को लेकर स्कूल गई , जिससे उन्हें खेद व्यक्त करते हुए इसे जल्द सुधरवाने के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया है साथ इसे और स्कूल जो जीर्णछीड है, उन्हें भी सुधारने का आश्वासन दिया है।
यह साहसिक निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में एक नई उम्मीद की किरण
यह कदम उन तमाम जनप्रतिनिधियों के लिए एक आईना भी है, जो खुद तो बड़े निजी स्कूलों में अपने बच्चों को भेजते हैं। लेकिन आम जनता को सरकारी स्कूलों की दुहाई देते हैं। सांसद हिमाद्री सिंह का यह साहसिक निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में एक नई उम्मीद की किरण है।जनप्रतिनिधियों की कथनी और करनी में अक्सर फर्क देखने को मिलता है। लेकिन शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद हिमाद्री सिंह ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने न सिर्फ लोगों का दिल जीता, बल्कि सरकारी स्कूलों पर से उठते भरोसे को फिर से जगाने का काम भी किया है।
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