अजयारविंद नामदेव, शहडोल। जिले के जयसिंहनगर थाना अंतर्गत ग्राम गिरूई खुर्द के जंगल में स्थित एक खेत से पुलिस ने 3 करोड़ 6 लाख 8 हजार रुपये कीमती गांजा बरामद कर सनसनी फैला दी थी। रिटायर्ड वनकर्मी के खेत के पास स्थित एक झोपड़ी में लावारिस हालत में मिले 121 बोरियों में कुल 38 क्विंटल 26 किलो 600 ग्राम गांजा छिपाकर रखा गया था, जिसे पुलिस ने 19 मई को जब्त किया था। इस हाई-प्रोफाइल मादक पदार्थ तस्करी के मामले में पुलिस ने 12 से अधिक संदिग्धों से गहन पूछताछ के बाद ब्यौहारी निवासी कन्हैया लाल गुप्ता उर्फ गोलल्हई और टिहकी निवासी राजेश तिवारी उर्फ राजू को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी इस गांजे को जिले के बाहर तस्करी करने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने उन्हें पहले ही दबोच लिया।
रिटायर्ड वनकर्मी के खेत में मिली थी गांजे से भरी बोरियां
यह मामला तब सामने आया जब 19 मई को पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि गिरूई खुर्द गांव के पास एक झोपड़ी में कुछ संदिग्ध गतिविधियाँ हो रही हैं। मौके पर पहुंची टीम ने जब झोपड़ी की तलाशी ली, तो पुलिस के भी होश उड़ गए। अंदर बोरियों में भरा लाखों रुपये कीमत का गांजा पड़ा था। यह जगह एक रिटायर्ड वन कर्मचारी के खेत के पास की बताई गई है, जिससे यह पूरा मामला और अधिक सनसनीखेज हो गया। इस मामले में जांच के लिए पुलिस ने जब क्षेत्र के 12 से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो सामने आया कि इस गांजे का मालिक कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि ब्यौहारी निवासी कन्हैया लाल गुप्ता उर्फ गोलल्हई और टिहकी गांव निवासी राजेश तिवारी उर्फ राजू हैं। दोनों लंबे समय से नशे के इस गोरखधंधे में लिप्त थे और उन्होंने जंगल के भीतर इस सुनसान झोपड़ी को अपना गुप्त गोदाम बना रखा था। यह स्पष्ट हो गया है कि यह कोई मामूली तस्करी नहीं, बल्कि एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा था, जो कई जिलों और संभावित रूप से राज्यों में फैला हुआ है।
इस हाई-प्रोफाइल मामले में जैसे ही खबर फैली, स्थानीय राजनीति में भूचाल आ गया। कुछ स्थानीय प्रभावशाली नेताओं के नामों का इस रैकेट से जुड़ना, चर्चा का विषय बन गया। हालांकि पुलिस ने इन नामों की अभी तक पुष्टि नहीं की है, लेकिन तस्करों की गिरफ्तारी के बाद इन नेताओं ने जरूर राहत की सांस ली है। इस घटना ने यह सवाल जरूर खड़ा कर दिया है कि नशे का कारोबार सिर्फ अपराधियों तक ही सीमित है, या कहीं रसूखदारों की भी परछाई इस अंधेरे धंधे पर पड़ती है।
इस पूरे मामले में लापरवाही बरतने और समय पर सूचना न मिलने की जिम्मेदारी तय करते हुए, जयसिंहनगर थाने के थाना प्रभारी एसपी चतुर्वेदी को निलंबित कर दिया गया था। उनकी जगह अब अजय बैगा को थाना प्रभारी नियुक्त किया गया है, जिन्हें साफ निर्देश दिए गए हैं कि जिले में नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कड़ी कार्रवाई की जाए।
शहडोल पुलिस की यह कार्रवाई पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां एक ओर यह ऑपरेशन पुलिस की मुस्तैदी का प्रमाण है, वहीं दूसरी ओर यह सवाल भी उठाता है कि जंगल के बीचोंबीच रिटायर्ड अफसर के खेत में इतना बड़ा मादक पदार्थ भंडार कैसे खड़ा हो गया, और किसकी शह पर।
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