अजयारविंद नामदेव, शहडोल. सरकार गांवों को मुख्य मार्ग से जोड़ने का दावा करती है. लेकिन जमीनी हकीकत तो कुछ और ही बया करती है. शहडोल के बेल्हान टोला में पक्की सड़क नहीं होने से लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और ग्रामीण विरोध पर उतर आए. दरअसल, बारिश के कारण कच्ची सड़कें कीचड़ में तब्दील हो जाती है. ऐसे में बच्चों का स्कूल जाना, बीमार को अस्पताल ले जाना सब कुछ थम जाता है.
स्कूल भी दूर, अस्पताल भी सपना
ग्रामीण बतातें है कि कई बार जनप्रतिनिधियों सहित शासन-प्रशासन से सड़क निर्माण की गुहार लगा चुके हैं. इसके बावजूद आज तक सड़क नहीं बनी. सड़क की बदहाली का असर सबसे ज्यादा बच्चों और बीमारों पर पड़ रहा है. स्कूली छात्र रोज कीचड़ से होकर स्कूल पहुंचते हैं. जबकि इमरजेंसी में एंबुलेंस तक गांव में नहीं पहुंच पाती. कई बार ग्रामीणों को बीमारों को खाट या ट्रॉली पर लादकर मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है.
जनप्रतिनिधियों से गुहार, लेकिन अब तक निराशा
ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार सांसद, विधायक और प्रशासन से गुहार लगा चुके हैं. लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला, काम नहीं. हमने वोट दिया, उम्मीद की, लेकिन अब उम्मीद भी जवाब दे रही है.
सड़क पर संघर्ष एक चेतावनी
ग्रामीणों ने इस बार विरोध का तरीका बदला. वे उसी कच्ची सड़क पर पहुंचे और कीचड़ में उतकर विरोध जताया. यह विरोध सिर्फ सड़क के लिए नहीं. बल्कि उस अनदेखी और उपेक्षा के खिलाफ है. जो वर्षों से इस गांव को झेलनी पड़ी है.
जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और प्रशासन की उदासीनता ने गांव को मानो नक्शे से काटकर अलग कर दिया है. जब उम्मीदें बार-बार तोड़ी जाती हैं, तब विरोध की चिंगारी आग बनकर भड़कती है. ठीक वैसा ही हुआ बेल्हान टोला में. अब देखना होगा कि शासन-प्रशासन इस आवाज को कब तक अनसुना करता है, या फिर बेल्हान टोला का संघर्ष पूरे जिले में एक उदाहरण बनता है.
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें