आरिफ शेख, श्योपुर. मध्य प्रदेश के बेहतर शिक्षा व्यवस्था को लेकर तारीफों के पुल बांधे जाते हैं. तमाम दावे किए जाते हैं लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही बयां करते हैं. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि श्योपुर जिले में एक स्कूल भवन की हालत जर्जर हो चुकी है. आलम ये है कि बच्चे एक ग्रामीण के घर में पढ़ने को मजबूर हैं. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसे देखकर आपको मासूमों पर तरस तो आएगा ही. साथ ही यह भी सोचने पर आप मजबूर हो जाएंगे कि ऐसी परिस्थिति में आखिर बच्चे कैसे देश का भविष्य गढ़ सकेंगे.

बता दें कि यह मामला विजयपुर तहसील स्थित सिद्धपुरा प्राथमिक विद्यालय का है. स्कूल भवन जर्जर हालत में है. स्थिति ये है कि बारिश का पानी छत से छपक रहा है. जिसके कारण कमरों में पानी भरा जाता है. ऐसे में नौनिहाल ग्रामीण के घर में स्कूल संचालित किया जा रहा हैं. प्रिंसिपल से लेकर बीईओ स्तर के अधिकारी लगातार नई बिल्डिंग बनाने की मांग कर रहे हैं. लेकिन सिस्टम में बैठे जिम्मेदारों के कान में जूं तक नहीं रेंग रहा है.

इस मामले में BEO (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) हरीशंकर गर्ग ने बताया कि मैंने जून महीने में स्कूल कि निरीक्षण किया था. इस दौरान मैंने पाया कि वास्तव में स्कूल भवन जर्जर हालत में है. इस स्कूल भवन का निर्माण पंचायत ने करवाया था. वर्तमान में भवन मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. राशि मिलने पर मरम्मत शुरू करवाया जाएगा.

सवाल खड़ा होता है कि आखिर शिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इस ओर क्यों ध्यान नहीं दे रहे हैं? अधिकारियों की उदासीनता के कारण नौनिहालों का भविष्य अंधेरे में है.

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