कपिल मिश्रा, शिवपुरी। महिलाओं की खरीद-फरोख्त मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. झारखंड से लापता हुई पांच युवतियाें में से तीन युवतियों को पुलिस ने शिवपुरी से रेस्क्यू किया है. इन युवतियों को रोजगार दिलाने के बहाने लाकर यहां बेचा गया था. पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है. दरअसल अंडमान और निकोबार के बनवारी कल्याण आश्रम के सामाजिक कार्यकर्ता गुरूचरण मुंडा ने 30 दिसंबर को शिवपुरी के कोतवाली थाने में इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद झारखंड पुलिस की मदद से कोतवाली पुलिस ने यह कार्रवाई की है.

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एसडीओपी (SDOP) अजय भार्गव ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता गुरूचरण मुंडा ने झारखंड की 5 युवतियों के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद जांच के लिए पुलिस की एक टीम झारखंड भेजी गई. जहां इन लड़कियों के संबंध में केस दर्ज था. वहीं भरसूला थाना एसआई कृष्णपालसिंह पवैया के नेतृत्व में झारखंड पुलिस की एक टीम भी शिवपुरी आई. इस दौरान झारखंड पुलिस के साथ शिवपुरी कोतवाली पुलिस ने दबिश देकर सबसे पहले तस्कर बलेश्वर मुंडा को गिरफ्तार किया फिर उससे पूछताछ के बाद बड़ौदी में रहने वाले मंटू गोस्वामी निवासी बडौदी और गोंदा गांव के पप्पू परिहार को हिरासत में लिया गया.

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एसडीओपी (SDOP) ने बताया कि तीनों की निशानदेही पर एक-एक कर तीनों लड़कियों को रेस्क्यू किया गया. मंटू गोस्वामी लड़कियों के पिता और पप्पू और कमर सिंह परिहार ने भाई बनकर युवतियों लड़कियों को बेचा था. कमर सिंह अभी फरार है. उसकी तलाश की जा रही है.

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