परवेज खान, शिवपुरी. जिला सहकारी बैंक में हुए 100 करोड़ रुपये गबन के मामले में खाताधारकों की मुश्किलें बढ़ते जा रही है. शासन से बैंक को मिले 50 करोड़ पीड़ित खाताधारकों राशि नहीं मिलेगी. क्योंकि बैंक प्रबंधक से स्पष्ट कर दिया है कि शासन से बैंक को मिले रकम बैंक चलाने के लिए है.
ऐसा माना जा रहा था कि शासन से बैंक को मिली राशि खाताधारकों को मिलेगी. लेकिन जनसुनवाई में पहुचे पीड़ित खाताधारकों की यह उम्मीद उस समय टूट गई, जब बैंक प्रबंधक आरके दुबे ने साफ तौर पर कह दिया की शासन से प्राप्त 50 करोड़ रुपये की राशि गबन से पीड़ित खाताधारकों को देने के लिए नहीं, बल्कि बैंक चलाने के लिए दी गई है. अब इस राशि से वह सोसाइटियों, किसान को खाद ,बीज और अन्य कार्य के लिए कर्ज देंगे.
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महाराष्ट्र से आई महिला ने बयां किया दर्द
महाराष्ट्र से अपने बच्चे के साथ कलेक्ट्रेट पहुंची पीड़िता सोनिया त्रिपाठी ने कहा कि उनकी मां कमलप्रभा सहकारी बैंक में ही कर्मचारी थी और उनकी पूरे जीवन की जमा पूंजी बैंक में ही जमा थी. लेकिन जब उनकी मां को अपने इलाज के लिए पैसों की जरूरत पड़ी तो वह पैसा भी उन्हें नहीं मिल सका है और अब उनकी मौत के बाद भी बैंक जमा पूंजी नहीं लौटा रही है.
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उन्होंने कहा कि मां के इलाज में पति पर कर्जा हो गया है और वह शिवपुरी के इतने चक्कर लगा चुकी है कि अब उनका वैवाहिक रिश्ता भी टूटने के कगार पर आ गया है. बैंक से 22 लाख रुपये लेने हैं और बैंक सिर्फ 10 हजार रुपये दे रहा है.
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