संदीप भम्मरकर, भोपाल। एमपी में कोरोना को खत्म करने के लिए जूझ रहा सिस्टम आपस में ही उलझता हुआ नजर आ रहा है. इंदौर में कलेक्टर मनीष सिंह और सीएमएचओ पूर्णिमा गडरिया के बीच शुरू हुए विवाद ने ब्यूरोक्रेसी वर्सेस हेल्थ वर्कर्स का रूप ले लिया. इससे पहले जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल का ऐलान करके सरकार की पेशानी पर बल ला दिया था. मामला यहीं खत्म नहीं हो रहा है, बिजली कर्मचारियों ने भी 10 मई से हड़ताल का ऐलान करके जनता और सरकार की मुसीबत बढ़ा दी है. जिसको लेकर कांग्रेस लगातार सरकार को घेरती हुई नजर आ रही है.

इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्विट करते हुए कहा कि प्रदेश में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने की घोषणा कर रहे थे, इंदौर के डॉक्टर हड़ताल पर जाने का मूड बना चुके थे, बिजली कर्मचारी हड़ताल पर जाने की तैयारी में है, देश की तरह प्रदेश का भी “System” Collapse हो गया है.

वहीं कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने भी सीएम शिवराज सिंह को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने इस मामले पर ट्विट करते हुए कहा कि मप्र में जूनियर डॉक्टर्स, बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की धमकी, कलेक्टर्स के ट्रांसफर हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिवराज जी क्या सिस्टम कोलेप्स हो रहा है.

गौरतलब है कि प्रदेश में लगातार स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की नाराजगी सामने आ रही है. इंदौर में स्वास्थ्य अधिकारी और जिला कलेक्टर के बीच का मामला हो या फिर जूनियर डॉक्टर का. हेल्थ वर्कर्स के बाद अब बिजली महकमा सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है. बिजली विभाग के संविदा कर्मचारी और इंजीनियर 10 मई से हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया है. जिससे प्रदेश की बिजली व्यवस्थाएं चरमरा सकती हैं.