हेमंत शर्मा, इंदौर। मालेगांव ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत ने 17 साल बाद बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इंदौर निवासी श्याम साहू भी इस केस में आरोपी बनाए गए थे, जिन्हें दिसंबर 2017 में कोर्ट ने पहले ही बरी कर दिया था। श्याम साहू को झूठे आरोपों में फंसाकर करीब तीन साल तक जेल में रहना पड़ा था। इस दौरान उनका परिवार मानसिक और आर्थिक पीड़ा से गुजरा।

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दिग्विजय और सोनिया गांधी ने फंसाया था

जेल में रहने के दौरान श्याम साहू के बड़े भाई को अटैक आया, जिससे उनकी मौत हो गई थी। श्याम साहू ने इस फैसले के बाद कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यह सब एक सियासी षड्यंत्र था, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और सोनिया गांधी ने उन्हें फंसाने का काम किया। उन्होंने कहा कि उन्हें एनआईए और एटीएस द्वारा जेल में टॉर्चर किया गया, लेकिन अब 17 साल बाद अदालत के फैसले से सच सामने आ गया है।

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क्या उन वर्षों की भरपाई हो पाएगी

श्याम साहू ने कहा -“सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं हो सकता। आज सच की जीत हुई है।” फैसले के बाद श्याम साहू के घर में खुशी का माहौल है। परिजनों ने मिठाई बांटकर न्याय मिलने की खुशी जाहिर की। इस फैसले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राजनीतिक कारणों से निर्दोष लोगों की ज़िंदगी बर्बाद की जा सकती है? और क्या उन वर्षों की भरपाई कभी हो पाएगी, जो बेगुनाहों ने जेल में बिताए?

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