अजय नीमा, उज्जैन। सिंहस्थ 2028 को लेकर उज्जैन में सरकार लैंड पूलिंग योजना लेकर आई है जिसमें क्षेत्र में आने वाली भूमि का सरकार अधिग्रहण करेगी। जिससे क्षेत्र में स्थाई निर्माण किया जा सके। इसे लेकर मेला अधिकारी आशीष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्यक्ष में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होता है। इस बार 2028 के सिंहस्थ में लगभग 30 करोड़ से अधिक श्रद्धालु उज्जैन पहुंचेंगे। 

स्थाई संरचनाओं से श्रद्धालु-संतो को भी मिलेगा फायदा

उन्होंने आगे बताया कि मेले मे जो अस्थाई संरचनाओं बनाई जाती है, उसके कहीं ना कहीं दुष्परिणाम होते हैं जो हमें पूर्व के सिंहस्थ में देखने को मिले हैं। जब भी सिंहस्थ खत्म होता है उसके बाद बड़े पैमाने पर उसे क्षेत्र में अतिक्रमण हो जाता है। इन सारी समस्या को लेकर सरकार लैंड पूलिंग की पॉलिसी कर रही है। इससे न केवल किसानों का बल्कि स्थाई संरचनाओं से श्रद्धालु-संतो को भी इसका फायदा मिलेगा। चाहे कितनी भी संख्या में श्रद्धालु आ जाए, फिर भी किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होगी।

स्क्वायर फीट में हो जाएगी जमीनों की कीमत 

किसानों में पहली भ्रांति को लेकर मेला अधिकारी आशीष सिंह ने कहा कि सभी किसान जिनके पास रोड के किनारे जमीन नहीं है, इस योजना के बाद प्रत्येक किसान की जमीन 18 मीटर की चौड़ी होकर रोड पर आ जाएगी। वहां पर उनका स्थाई निर्माण की भी अनुमति होगी और बेचने की भी। अभी जमीन की कीमत बीघा में देखते हैं। लेकिन इस योजना के आने के बाद उन जमीनों की कीमत स्क्वायर फीट में हो जाएगी, जिससे किसानों को लाभ होगा।

किसानों को मिलेगा मुआवजा

उन्होंने यह भी बताया कि लैंड पूलिंग को लेकर अगर कोई किसान सहमत नहीं है तो उसको लेकर सरकार द्वारा जो भूमि अधिग्रहण अधिनियम में उसके तहत किसान को सरकार के गाइडलाइन के नियम के तहत दोगुना मुआवजा देकर भूमि अधिग्रहण की जा सकती है। लेकिन यह धर्म और सिंहस्थ का मामला है। इसे देखते हुए सरकार जो 50% भूमि अधिग्रहण कर रही है, उसकी गाइडलाइन के अनुसार किसान को मुआवजा भी दिया जाएगा।

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