शिखिल ब्यौहार, भोपाल। शिक्षा को लेकर पीएम श्री स्कूल का नाम प्रदेश में सबसे ऊपर आता है। सरकार का दावा रहा है कि यह आदर्श स्कूल की वह श्रेणी है जो हर आयाम पर शत प्रतिशत खरी उतरती है। लेकिन…हकीकत कुछ और ही है। यूं कहा जाए कि नाम बड़े और दर्शन छोटे नहीं बल्कि बहुत छोटे। यहां आए दिन हादसे होते हैं। कक्षाएं ऐसी जो नौनिहालों के बेहतर भविष्य के सारे दावों की पोल खोल दे।

बरखेड़ा ई-सेक्टर का पीएम श्री स्कूल

यह है राजधानी भोपाल का गोविंदपुरा विधानसभा स्थित बरखेड़ा ई-सेक्टर का पीएम श्री स्कूल। नाम है पीएम श्री शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय। जितना आलीशान और चमकदार यहां स्कूल का बोर्ड लगाया गया है उतनी ही खस्ताहाल यहां की तस्वीर। यह जो आप तस्वीर देख रहे हैं, यह किसी ग्रामीण अंचल के बदहाल स्कूल की लग रही होगी। स्कूल की छत ऐसी कि बीते दिनों प्लास्टर गिरने से दो छात्राएं घायल हो गई।

नागरिकों ने स्कूल प्रबंधन समेत सरकार को चेताया था

घटना बीते शुक्रवार की है। बच्ची को सिर में न सिर्फ गंभीर चोट आई बल्कि आधा दर्जन टांके भी लगे। दो छात्राएं भी इसकी चपेट में आई, लेकिन जान बच गई। यह वही स्कूल है जहां बीती 11 जुलाई को भी ऐसी ही घटना घटी थी। करीब 40 साल पुराने स्कूल की खस्ता हालत को देख स्थानीय जागरूक नागरिकों ने कई बार स्कूल प्रबंधन समेत सरकार को चेताया लेकिन, कहते हैं न सरकारी ढर्रा सिस्टम..यहां किसी को कहां फिक्र होती है।

टीन शेड में स्मार्ट क्लास की हकीकत

आइए अब आपको दिखाते हैं पीएम श्री स्कूल की स्मार्ट क्लास की हकीकत। यह क्लास टीन शेड में जारी है। ऊपर तो टीन की छत है ही बल्कि तीनों ओर से टीन की शेड लगाकर कक्षा लगाई जा रही है। गर्मी हो या ठंड या बरसात का मौसम ऐसे ही पीएम श्री स्कूल की हाई फाई क्लास में बच्चियां साल भर पढ़ती हैं। स्कूल की छात्राओं ने लल्लूराम डॉट काम से बातचीत के दौरान प्रबंधन की पोल खोली।

राज्य मंत्री के विधानसभा क्षेत्र की स्कूल भी बदहाल

बच्चियों ने बताया कि न तो पेयजल की कोई व्यवस्था है, शौचालय ऐसे की सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति लाख गुना बेहतर। पूरा स्कूल ही वेंटिलेटर पर है। छात्राओं ने बताया कि कई बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। जबकि यह बरखेड़ा क्षेत्र का सबसे बड़ा गर्ल्स स्कूल है। दूसरी बात इस विधानसभा से ही स्वर्गीय बाबूलाल गौर ने विधायक से कई मंत्री पद के बाद मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया। अब यहां से उनकी बहू कृष्णा गौर राज्य मंत्री हैं।

प्रदेश के बाकी स्कूलों का लगा सकते है अंदाजा

पीएम श्री स्कूलों को मॉडल या आदर्श स्कूल की श्रेणी में रखा जाता है। वास्तविकता में इसे इति श्री की संज्ञा दी जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। राजधानी में ही बदहाल पीएम श्री योजना के तहत शिक्षा के मंदिर। फिर प्रदेश के बाकी स्कूलों की स्थिति का अंदाजा लगाने के लिए एक कहावत ही बहुत है। वो है दिया तले अंधेरा…और इस अंधेरे में छात्राओं का ही नहीं बल्कि घुट रहा है शिक्षा का भविष्य।

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