कमल वर्मा, ग्वालियर। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे और आयुर्वेदिक कॉलेज की बैठक में शामिल हुए. जिसके बाद मंत्री ने जीवाजी विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया. मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा, उच्च शिक्षा का स्तर मध्य प्रदेश में और बेहतर हो रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष्य में मध्य प्रदेश अग्रणी राज्यों में है.

उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा, भारत के ज्ञान को विज्ञान को भारत के शौर्य और पराक्रम को पाठ्यक्रमों में शामिल किया जा रहा है. इसलिए मध्य प्रदेश का शिक्षा का स्तर अच्छे से अच्छे राज्यों के बराबर पहुंच रहा है. आने वाले समय में और बदलाव दिखेंगे. विश्वविद्यालय में स्टॉफ की भर्ती प्रक्रिया निरंतर चल रही है. नई नियुक्तियां हो रही हैं. विश्वविद्यालय को नियुक्तियों के अधिकार दिए गए हैं. 1 साल के भीतर विश्वविद्यालय में जितने भी खाली पद हैं. उनको भरने के निर्देश दिए गए हैं.

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B.Ed कॉलेज की फर्जीवाड़े को लेकर उन्होंने कहा, विश्वविद्यालय अपने स्तर पर उनके विरुद्ध कार्रवाई करेगा और अन्य एजेंसियां भी इसमें पृथक से कार्रवाई करेंगी. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिपेक्ष में जो विश्वविद्यालय हैं, उन्हें परस्पर काम करना है. इसमें साइंस होगा, कॉमर्स होगा, आर्ट होगा. सभी जो संकाय है, उनके लिए जो आवश्यकता है वह विद्यार्थियों की पूर्ति करना है.

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मंत्री ने कहा, ग्वालियर का जीवाजी विश्वविद्यालय बहुत पुराना विश्वविद्यालय हैं. यहां सभी संसाधन उपलब्ध हैं. आने वाले समय में हम सभी विश्वविद्यालय को आपस में जोड़ेंगे. जहां ज्यादा काम है, वहां दूसरा विश्वविद्यालय प्रेरणा ले. नॉलेज शेयरिंग का प्रोग्राम शुरू करेंगे. इसमें शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों को जोड़ेंगे.

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