हर्षराज गुप्ता, खरगोन। जिले के बलकवाड़ा में सीनियर आदिवासी बालक छात्रावास के एक छात्र की इंजेक्शन लगाने के बाद मौत से हडकंप मच गया है। कक्षा 11 वीं के छात्र सुरेश पिता मुकेश कौर की तबीयत बिगडने के बाद गांव के ही डाॅक्टर पप्पू चौहान द्वारा इंजेक्शन लगाने से बेहोश हो गया था। जिला अस्पताल ले जाने के दौरान छात्र की मौत हो गई।
गांव में झोलाछाप डॉक्टर से कराया उपचार
दरअसल सर्दी खांसी से पीडित छात्र की तबीयत बिगडने के बाद हॉस्टल प्रबंधन ने जिला अस्पताल पहुंचाने की जगह गांव में ही ग्रामीण डाक्टर(छोलाछाप) से उपचार कराया। देर शाम 7 बजे खाना खाने के बाद उपचार कराने ले गये। इस दौरान छोलाछाप डाॅक्टर के इंजेक्शन लगने के बाद छात्र की तबीयत बिगड गई। छोलाछाप डाॅक्टर ही हॉस्टल प्रबंधन के साथ जिला अस्पताल ले जा रहे थे, तभी रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
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दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन
छात्र की मौत की सूचना मिलते ही आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त इकबाल हुसैन आदिल, तहसीलदार महेन्द्र दांगी, सीएमएचओ एमएस सिसौदिया देर रात जिला अस्पताल पहुंचे। बुधवार की सुबह डाॅक्टरों की टीम शव का पोस्टमार्टम करेगी। पीएम रिपोर्ट के आधार पर सहायक आयुक्त ने दोषी पर कार्रवाई की बात कही है।
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प्रबंधन की लापरवाही और छोलाछाप डाॅक्टर की वजह से मौत
इधर मृतक छात्र के पिता ने हॉस्टल में तबीयत बिगडने की सूचना नहीं देने का आरोप लगाये है। मुझे जानकारी होती तो में जिला अस्पताल ले जाकर उपचार कराता। बलकवाड़ा थाने के भोपालपुरा के रहने वाले मुकेश कौर का कहना है कि मेरे बेटे की मौत लापरवाही से हुई है। छात्रावास प्रबंधन की लापरवाही और छोलाछाप डाॅक्टर के वजह से मौत हुई है।

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