कुमार इंदर, डिंडोरी। कहा जाता है कि शरीर और स्वास्थ्य से बढ़कर कुछ भी नहीं है, लेकिन डिंडोरी जिले के एक आदिवासी अंचल आई एक तस्वीर यह बता रही है कि, शायद इन आदिवासी बच्चों के लिए शिक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं है। जी हां तभी तो यह बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर हर रोज इसी तरह खतरनाक सफर तय कर कर शिक्षा के मंदिर में पहुंचते हैं। “स्कूल चलें हम”की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे। आप सोच में पढ़ जाएंगे की क्या ये संभव है।
READ MORE: 3 साल के मासूम की दर्दनाक मौत: खेलते हुए कीचड़ से भरे गड्ढे में गिरा, बच्चे को लेकर अस्पतालों के चक्कर काटते रहे परिजन
दर्जनों बच्चे एक ऑटो में सवार होकर स्कूल पहुंचते हैं
दरअसल यह तस्वीर डिंडोरी जिले के वनग्राम बघरेली गांव की है, जहां दर्जनों बच्चे एक ऑटो में सवार होकर स्कूल पहुंचते हैं। तस्वीरें अपने आप में गवाह है कि ये स्कूली बच्चे किस तरह से जान आफत में फंसाकर रोज स्कूल पहुंचते है। साफ दिख रहा है कि, एक ऑटो में छात्र छात्राएं किस कदर ठूंस ठूंस कर भरे गए हैं। इन बच्चों की मजबूरी यह है कि उन्हें हर रोज समय पर स्कूल पहुंचना होता है।
READ MORE: झोलाछाप डॉक्टर ने छीनी महिला की आंखों की रोशनी, दूसरे रोग का इलाज कराने आई थी, इंजेक्शन लगाते ही दिखना हुआ बंद
जान जोखिम में डालकर करते हैं 11 किलोमीटर का सफर
लेकिन इनके माता पिता के पास इतनी पूंजी नही है कि वो अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाने के कोई साधन मुहैया करा सकें। लिहाजा हर रोज गरीब आदिवासियों के इन बच्चों को इसी तरह जान जोखिम में डालकर 11 किलोमीटर दूर चांडा हाईस्कूल आना जाना पड़ता है। ये वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, हालांकि लल्लूराम डॉट कॉम इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें